हिंदी अंग्रेजी ही नहीं स्पेनिश भी सीखते हैं इस गाँव के बच्चे

यूपी के इस गाँव में एक-दो-तीन, वन-टू-थ्री के साथ ही बच्चे अब उनो, दोस, त्रेस, पढ़ते मिल जाएँगे। तभी तो ये गाँव पर्यटकों की पहली पसंद बन रहा है।
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सेजल साहू से जब उनका नाम पूछते हैं तो वो हिंदी, अंग्रेजी के साथ ही स्पैनिश में जवाब देती हैं, ‘मी नोब्रे एस सेजल साहू’ यानी मेरा नाम सेजल साहू है, अब आपको लग रहा होगा कि गाँव के बच्चे भला स्पैनिश कहाँ से सीख रहे हैं।

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से करीब 86 किलोमीटर दूर बाराबंकी ज़िले के पूरे बरवन गाँव के अवर लैंग्वेज स्कूल में रिज़वान खान बच्चों को हिंदी और अंग्रेजी के साथ ही स्पैनिश भी सिखाते हैं। सेजल जैसे बच्चे हर दिन स्कूल आने के बाद यहाँ स्पेनिश सीखने आते हैं।

एलएलबी कर चुके रिज़वान खान गाँव कनेक्शन से बताते हैं, “मैं तो हिंदी में करियर बनाना चाहता था, तो मैंने सोचा इंटरनेट का इस्तेमाल करके क्यों न अपना प्लेटफॉर्म बनाया जाए; तो पहले मैंने हिंदी सिखाना शुरू किया था, लेकिन जब यूट्यूब पर देखा तो इंग्लिश से हिंदी सिखाने वाले कई चैनल थे, लेकिन स्पैनिश का कोई न नहीं था।”

फिर क्या था रिज़वान ने सोच लिया क्यों न स्पैनिश के ज़रिए हिंदी सिखाई जाए, लेकिन सिखाने के लिए सीखना भी पड़ता है।

रिज़वान ने ऑनलाइन स्पैनिश सीखनी शुरू कर दी और जब स्पैनिश सीख ली तो दुनिया भर के लोगों से दोस्ती भी हो गई। लेकिन पढ़ाने की शुरुआत हुई कोविड के दौरान।

रिज़वान कहते हैं, “कोविड के दौरान लैपटॉप लेकर बाहर बैठकर बच्चों को पढ़ता था; तो कुछ बच्चे आए वो देखते थे कौन सी भाषा बोल रहे हैं, फिर क्या था धीरे-धीरे कई बच्चे आने लगे।”

कोविड के बाद यहाँ टूरिस्ट आने लगे, कई तो ऐसे ही आते हैं, जिन्हें इंग्लिश भी नहीं आती, लेकिन जब बच्चे उनसे स्पैनिश में बात करते हैं तो उन्हें काफी अच्छा लगता है; कि कोई उनकी भाषा में बात कर रहा है।

रिज़वान ने रूरल टूरिज़्म की शुरूआत की है, उनके गाँव में कई देशों से लोग घूमने आते हैं। रिज़वान बताते हैं, “लोग टूरिज़्म में भी बदलाव चाहते हैं, कोविड के पहले दुनिया दूसरी थी, आज दूसरी है; कोविड में लोग घर पर रहकर सारी वीडियो देखकर व्लॉग्स बना रहे थे और लोग इंडिया दिल्ली, जयपुर, आगरा देखकर पक चुके थे, मुझे लगा सब वही बेच रहे हैं, मैं कुछ अलग करूँ।”

वो आगे कहते हैं, “क्योंकि मैं कोविड के समय यहाँ था तो अपने गाँव के लोगों के काम करने की स्टाइल शादी ब्याह पार्टी सब यूट्यूब पर दिखाना शुरू किया; जब ये दुनिया में लोगों तक पहुँची, लोगों ने यहाँ की चीज़ों को देखा ये अलग दुनिया है, यहाँ रहने का ढंग खाने का ढंग सब अलग है लोग खुश रहते हैं।”

अब तो इस गाँव में टूरिस्टों का आना जाना लगा ही रहता है। इससे यहाँ के बच्चों की ज़िंदगी में बदलाव आया है।

सेजल तो टीचर बनना चाहती हैं। वो गाँव कनेक्शन से बताती हैं, “मुझे बड़े होकर रिज़वान सर की तरह टीचर बनना है; क्योंकि वो बहुत अच्छा पढ़ाते हैं, हमारे गाँव में विदेश से लोग आते हैं तो हम लोग उनसे जब स्पैनिश में बात करते हैं तो उन्हें बहुत अच्छा लगता है।”

पाँचवीं कक्षा में पढ़ने वाली शिवांशी का मन भी स्पैनिश में खूब लगता है। वो कहती हैं, “जब मैं स्पैनिश बोलती हूँ तो सब खुश हो जाते हैं। टूरिस्ट अपने घर लेकर जाती हूँ और सबका परिचय स्पैनिश में ही करवाती हूँ।”

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