धान और मक्का की फसल में कीट लगने पर कैसे करें ट्राइकोग्रामा कार्ड का प्रयोग 

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स्वयं कम्युनिटी जर्नलिस्ट

रायबरेली। किसानों द्वारा महंगे-महंगे कीटनाशकों के प्रयोग से आधुनिक खेती की लागत काफी बढ़ चुकी है, इस बढ़ी हुई खेती की लागत को कम करने के लिए कृषि वैज्ञानिकों द्वारा ट्राइकोग्रामा परजीवी कार्ड का प्रयोग शुरू किया गया है जो कि खेतों को कीटों से मुक्त रखने में काफी कारगर दिखाई दे रही है।

रायबरेली जिले के कृषि विज्ञान केंद्र दरियापुर द्वारा किसानों के खेत में प्रायोगिक तौर पर ट्राइकोग्रामा परजीवी का प्रयोग शुरू किया गया है जो कि किसान की बेहद खर्चीली खेती की लागत को कम करने में काफी मददगार साबित हो रहा है। ट्राइकोग्रामा परजीवियों का मुख्य भोजन धान, मक्का व गन्ना की फसल में लगने वाले तना छेदक कीटों के अंडे होते हैं, जिससे किसान खेत में बिना किसी कीटनाशक के प्रयोग से ही खेतों को कीट मुक्त कर सकता है।

रायबरेली के बछरावां ब्लॉक के कन्नावा गाँव की महिला किसान मायादेवी (55 वर्ष) बताती हैं, “धान की फसल में तना छेदक कीट लगने लगे थे, कई बार दुकान से कीटनाशी दवा लेकर छिड़काव किया, लेकिन कोई असर नहीं हुआ, असर ना होने पर केवीके के अधिकारियों से संपर्क किया तो केवीके की तरफ से खेतों पर परजीवी कार्ड लगवाए गए जिससे खेतों की स्थिति में अब काफी सुधार हो गया है।

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वहीं कन्नावा गाँव के अन्य किसान सुखवी लाल (48 वर्ष) बताते हैं, “पौध निर्माण से रोपाई तक पौधों की बढ़वार काफी अच्छी रही लेकिन अचानक पत्तियों मैं पत्ती लपेट कीट का प्रकोप आ गया, जिससे फसल की बाढ़ प्रभावित हो गई इसके बाद कृषि विज्ञान केंद्र के अधिकारियो से संपर्क किया तो उन्होंने खेतों में ट्राइकोग्रामा परजीवी कार्ड लगवाएं तब से खेत में कीड़ों की संख्या में काफी कमी आई है और फसल सही दिखाई पड़ रही है।

यहां से मिलेगा ट्राइकोग्रामा कार्ड

रायबरेली कृषि विज्ञान केंद्र, दरियापुर के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. एके तिवारी बताते हैं, “ट्राइकोग्रामा परजीवी धान की फसल के साथ साथ मक्के व गन्ने की फसलों पर भी बेहद कारगर होता है। एक हेक्टेयर के खेत में मात्र 50000 अंडों की आवश्यकता होती है, एक स्ट्रिप में लगभग 20000 अंडे तक होते हैं मात्र ढाई ट्राइकोग्रामा स्ट्रिप के प्रयोग से किसान भाई एक हेक्टेयर खेत को तना छेदक पत्ती लपेट कीटों को आराम से समाप्त कर सकते हैं।”

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ट्राइकोग्रामा परजीवी कार्ड की कीमत काफी कम होती है, यह कार्ड किसान गन्ना अनुसंधान केंद्र व कृषि विज्ञान केंद्र से आसानी से प्राप्त कर सकते हैं इसकी प्रति कार्ड कीमत 150 रुपए तक होती है जिसमे चार स्ट्रिप होती हैं और हर स्ट्रिप में 18 से 20 हजार अंडे होते हैं। कीट नियंत्रण की यह विधि काफी कारगर होने के साथ-साथ पर्यावरण के भी बहुत अनुकूल होती है। इस ट्राइकोग्रामा विधि किसान की लागत तो कम होती ही है, साथ ही साथ खेतों में पड़ने वाले रासायनिक जहर से भी मुक्ति दिलाती है।

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