स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क
मेरठ। कच्ची शराब के गोरखधंधे से मेरठ भी अछूता नहीं है। हस्तिनापुर ब्लाक में सैकड़ों स्थान ऐसे हैं, जहां खुलेआम कच्ची शराब की भट्टियां चल रही हैं। हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान करीब डेढ़ लाख लीटर कच्ची शराब विभाग ने जब्त भी थी। क्षेत्र के लोगों की मानें तो हर साल करीब आधा दर्जन लोग कच्ची शराब पीकर दम तोड़ देते हैं।
ब्लाक के गांव लतीफपुर निवासी सरदार फतेह सिंह उम्र (44वर्ष) बताते हैं, “पूरे गाँव में कच्ची शराब की करीब सौ भट्टियां चलती हैं। सूचना पर पुलिस तो पहुंचती है, लेकिन सुविधा शुल्क लेकर निकल जाती है। दर्जनों साल से आज तक कोई इनका कुछ नहीं बिगाड़ सका।”
ये भी पढ़ें- घर में किचन गार्डन बनाना चाहते हैं तो अपनाएं ये टिप्स
बगल के गाँव भीकुंड निवासी गजे सिंह (56वर्ष) बताते हैं, “शराब के इन सौदागरों की वजह से नई पीढ़ी नशे में डूबती जा रही है। बच्चे नशे की गिरफ्त में चले जाते हैं।” किला ब्लाक के गाँव नीमका निवासी खचेडू उम्र (66वर्ष) बतातें हैं, “करीब 2300 की आबादी वाले गाँव में 70 से ज्यादा घरों में कच्ची शराब की बिक्री होती है। कई बार पुलिस को सूचना दी, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। उल्टा पुलिस की डांट और खानी पड़ी। यहीं नहीं, किशोरपुर, मामेपुर, मखदूमपुर, लतीफपुर आदि गाँवों में जमकर कच्ची शराब की तस्करी होती है।”
मेरठ जिला आबकारी अधिकारी प्रदीप दुबे ने बताया कच्ची शराब की खरीद-फरोख्त में जनवरी से जून तक दो सौ लोग जेल जा चुके हैं। साथ ही लगभग पांच सौ के आस-पास भट्टी सीज की गई हैं। इसके अलावा 143 वाहन भी सीज किए गए हैं। इस अवैध धंधे की सूचना मिलने पर अभियान चलाकर कार्रवाई की जाएगी।”
ताजा अपडेट के लिए हमारे फेसबुक पेज को लाइक करने के लिए यहां, ट्विटर हैंडल को फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें।