जौनपुर। जौनपुर-शाहगंज सड़क मार्ग बीते दो दशक से हादसों को दावत दे रहा है। इस दरम्यान कई सरकारें आईं और गईं, लेकिन किसी ने इसकी सुध नहीं ली। करीब तीन साल पहले लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने इस प्रमुख सड़क का निर्माण कार्य शुरू किया था, लेकिन महकमे की लापरवाही और बजट के अभाव में यह कार्य अधूरा है। आज भी सड़क जगह-जगह से टूटी-फूटी है। बरसात में तो सड़क पर बने गड्ढों में पानी भर जाता है, जिससे कई लोग हादसों की भेंट चढ़ चुके हैं।
जौनपुर से शाहगंज की दूरी वैसे तो करीब तीस किलोमीटर ही है, लेकिन इस जर्जर सड़क की वजह से घंटों बर्बाद हो जाता है। जौनपुर-शाहगंज रोड के निर्माण के लिए करीब तीन साल पहले लोक निर्माण विभाग ने 125 करोड़ रुपए का बजट का प्रस्ताव तैयार किया था। शासन ने इस प्रस्ताव को मंजूरी भी दे दी थी। करीब 54 करोड़ रुपए पहली किस्त के तौर पर विभाग को मिल गए और कार्य भी शुरू करा दिया गया। इसके साथ ही लोगों की उम्मीद बंधी कि अब इस रोड पर और हादसे नहीं होंगे, लेकिन उनकी उम्मीदों पर पानी फिर गया।
ये भी पढ़ें- गाँवों की सड़कें बनाने में तेज़ी, लेकिन लक्ष्य दूर
करीब तीन साल हो चुके हैं निर्माण कार्य शुरू हुए, लेकिन अभी पीडब्ल्यूडी सिर्फ दस किलोमीटर ही सड़क बनवा सका है। निर्माण कार्य शाहगंज से गोरारी बाजार तक सात किलोमीटर हुआ। वहीं खेतासराय से लेकर संबुलपुर मोड़ तक तीन किलोमीटर तक रोड ही बनाई गई है, जबकि गोरारी से खेतासयराय के बीच की रोड टूटी है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि जौनपुर-शाहगंज रोड इतनी जर्जर है कि आने-जाने वालों की जान पर बन आती है। खासतौर से दोपहिया वाहन चालकों को हादसे का खतरा ज्यादा रहता है। लोगों की परेशानी यह है कि धीरे चलें तो वक्त पर अपनी मंजिल तक पहुंच नहीं पाते। अगर तेज चलें तो फिर हादसे का खतरा।
खेतासराय गाँव निवासी मोहम्मद अहसान (30वर्ष) ने बताया, “रोड का निर्माण कार्य शुरू हुआ तो लगा कि अब हम लोगों की परेशानी दूर हो जाएगी, लेकिन तीन वर्ष से निर्माण कार्य अधूरा ही है। इससे आए दिन सड़क हादसे हो रहे हैं। कई लोगों की जान जा रही है और जिम्मेदार आंख बंद किए हुए हैं।”
वहीं, जपटापुर निवासी आलोक मिश्रा (32वर्ष) ने बताया, “जौनपुर-शाहगंज रोड शासन-प्रशासन की लापरवाही का जीता-जागता सबूत है। एक सड़क के निर्माण कार्य में इतनी ज्यादा लापरवाही बरती जा रही है। तीन वर्ष में सड़क सिर्फ कुछ किलोमीटर ही बन सकी है।”
ये भी पढ़ें- सिर्फ 5 मिनट में ऑन लाइन भरें प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का फॉर्म
हर माह दस लोग हो जाते हैं हादसे के शिकार
जौनपुर-शाहगंज रोड को मौत की सड़क कहें तो गलत नहीं होगा, क्योंकि आंकड़े कुछ इसी ओर इशारा कर रहे हैं। एक आंकड़े के मुताबिक इस रोड पर हर माह दस लोगों की जान जाती है, जबकि हर रोज दो से तीन लोग तो हादसे में जख्मी हो जाते हैं। इसके बावजूद जिम्मेदारों को कुछ दिखाई नहीं दे रहा है। यही नहीं, सड़क पर उड़ती धूल-मिटटी से लोग दमा जैसी बीमारी की चपेट में आ रहे हैं और गड्ढे वाली सड़क पर चलने के कारण सर्वाइकल के भी शिकंजे में जा रहे हैं।
पीडब्ल्यूडी के एक्सईएन डीसी गुप्ता का कहना है, गिट्टी की उपलब्धता और अधूरा बजट मिलने के चलते निर्माण कार्य रुका हुआ है। बजट के लिए शासन को कई बार लिखा जा चुका है। बजट मिलते ही निर्माण कार्य शुरू करवा दिया जाएगा।
ताजा अपडेट के लिए हमारे फेसबुक पेज को लाइक करने के लिए यहां, ट्विटर हैंडल को फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें।