स्वयं कम्युनिटी जर्नलिस्ट
अलीगढ़। जिला मुख्यालय से लगभग 52 किमी दूर अतरौली ब्लॉक के गाँव कल्याणपुर खेड़ा में 1997 में पांच करोड़ रुपए की लागत से लगा एशिया का पहला व वर्तमान में उत्तर प्रदेश का दूसरा सबसे बड़ा सोलर प्लांट बिक गया। शासन के आदेश पर यूपी नेडा ने 21 लाख रुपए में (टैक्स सहित) इसकी नीलामी सोनीपत (हरियाणा) की एक कंपनी को कर दी है।
यहां लगे सोलर पैनल, बैट्री व अन्य इलेक्ट्रॉनिक्स सामान निकालने में कारीगर जुट गए हैं। ग्रामीणों के तमाम प्रयास के बाद भी नेडा इस योजना को चालू नहीं करा सका। लोगों को क्षेत्रीय विधायक एवं शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह से काफी उम्मीद थी कि शायद वह इस योजना को शुरू करा सकें।
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ग्राम प्रधान नत्थू सिंह कहते हैं, “नेडा ने सौर ऊर्जा प्लांट की नीलामी तो कर दी। इसे चालू कराने में तो वह विफल रहा। ये योजना क्षेत्र की पहचान थी। प्रशासन इस जमीन पर अब कोई नया प्रोजेक्ट शुरू करे।” कल्याण सिंह के मुख्यमंत्रित्वकाल (वर्ष 1997) में अतरौली ब्लॉक के गाँव कल्याणपुर खेड़ा में सोलर प्लांट लगवाया था। करोड़ों की लागत से यह सोलर प्लांट लगाया गया था। इस प्लांट से करीब 15 नलकूप चलते थे।
साथ ही गाँवों में रात को लाइट जलती थीं। घरों में पानी की सप्लाई थी, कल्याणपुर खेड़ा, डडार अलूपुरा, भागीरथपुर, सिंधौली, नगला बंजारा, धुर्रा प्रेमनगर, गहतोली निर्मल, महका आदि गाँवों के लोग इस परियोजना से लाभांन्वित हो रहे थे। वर्षों से यह प्रोजेक्ट बंद पड़ा था। नेडा विभाग ने इलैक्ट्रानिक सामान की नीलामी की है।
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जमीन अभी भी नेडा विभाग के अधीन रहेगी। कल्याण सिंह की सरकार चली गई इसके बाद से इस प्रोजेक्ट पर नेडा विभाग ने भी ध्यान नहीं दिया। धीरे-धीरे यह बदहाल होता चला गया। ग्रामीण तिलक सिंह कहते हैं, “आज बहुत बड़ा दुख हुआ जब हमारे गाँव में लगी सबसे बड़ी परियोजना नीलाम होकर जा रही है। नीलामी से पहले प्रशासन को यहां दूसरी कोई योजना लगानी चाहिए थी।”
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