ओपी सिंह परिहार, स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क
इलाहाबाद। बिजली संकट से उबरने के लिए सरकार की ओर से सौर ऊर्जा संसाधनों को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके तहत केंद्र और प्रदेश सरकार के सयुंक्त प्रयास से सौर सोलर पावर प्लांट ग्रिड कनेक्टेड (ग्रिड संयोजित रूफटॉप सोलर पावर प्लांट संयंत्र) लगाये जा रहे हैं।
विद्युत् भार कम करने के साथ-साथ सौर ऊर्जा से बिजली उत्पादन करने के लिए यह केंद्र सरकार की योजना शहरी और ग्रामीण लोगों के लिए अच्छी आय का स्रोत साबित हो सकती है। इस योजना का क्रियान्वयन नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय भारत सरकार और प्रदेश सरकार की यूपीनेडा के द्वारा कराया जा रहा है।
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पावर प्लांट निजी भवनों के साथ-साथ सार्वजनिक भवनों में भी लगाया जा रहा है। इस संयंत्र की विशेष बात यह है की इसके माध्यम से उत्पादित बिजली उपयोग से अधिक होने पर पावर कारपोरेशन को चली जायेगी, जिसके लिए उत्पादनकर्ता को पावर कारपोरेशन की ओर से वार्षिक भुगतान भी किया जायेगा। स्थान्तरित बिजली के हिसाब के लिए संयंत्र के साथ-साथ द्विपक्षीय मीटर लगाया जायेगा जिससे कुल उत्पादित बिजली और पावर कारपोरेशन को दी गयी बिजली का डेटा मौजूद रहेगा।
यूपीनेडा के जिला परियोजना अधिकारी राजमणि पाण्डेय बताते हैं, “विद्युत भार कम करने के साथ-साथ विधुत उत्पादन में देश के नागरिकों के योगदान को बढ़ाने के लिए भारत सरकार की यह योजना है। जिसको केंद्र और प्रदेश की सरकार संयुक्त रूप से आगे बढ़ा रही है।”
घर की छत पर कर सकते हैं स्थापित
ग्रिड कनेक्टेड सोलर पावर प्लांट को घर के छत पर स्थापित किया जा सकता है, इसके लिए अनुमानतः 10 मीटर का दक्षिण दिशा में छाया मुक्त स्थान की आवश्यकता होगी। मोबाइल टॉवर से कम वजन वाले इस संयंत्र के लिए बिजली का होना जरूरी है। विद्युत आपूर्ति ठप होने पर संयंत्र काम करना बंद कर देगा।
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विभाग देगा अनुदान
ग्रिड संयोजित सोलर रूफटॉप पॉवर प्लांट की आपूर्ति, स्थापना और पांच वर्ष के रख रखाव में अनुमानतः 55800 से 74000 रूपये प्रति किलोवॉट का खर्च आता है। जिसके लिए सरकार की ओर से 30 प्रतिशत अनुदान उपलब्ध है। कम से कम 5 किलोवाट विधुत क्षमता का संयंत्र लगाया जा सकता है। एक संयंत्र की उम्र 25 साल निर्धारित की गई है। एक बार लगने के बाद 25 साल तक काम करेगा।
ऐसे करेगा काम
ग्रिड संयोजित रूफटॉप सोलर पॉवर प्लान्ट सन्यत्र नेट मीटरिंग प्रणाली पर आधारित होगा। संयंत्र से उत्पादित ऊर्जा का उत्पादन दिन में पारम्परिक ऊर्जा के स्थान पर किया जा सकता है उत्पादित ऊर्जा अधिक होने पर सरप्लस ऊर्जा को ग्रिड में फीड किया जा सकता है।इसके लिए पॉवर कार्पोरेशन की ओर से द्विपक्षीय मीटर लगाया जायेगा, जो की प्राप्त होने वाली ऊर्जा को ही रिकार्ड नही करेगा बल्कि सौर ऊर्जा से उत्पादित कुल विद्युत को रिकार्ड करेगा।
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