ज्ञानेश शर्मा, कम्युनिटी रिपोर्टर
अलीगढ़। जिला मुख्यालय से 40 किमी दूर अतरौली तहसील के गाँव खेडिया बहादुरगढ़ी के उन्नतिशील किसान राधेश्याम शर्मा की मूंगफली अब विदेशी भी खाएंगे। राधेश्याम शर्मा अपने दो बीघा खेत में देशी मूंगफली पैदा कर रहे हैं। राधेश्याम शर्मा खेती में नए नए प्रयोग कर किसानों के लिए प्रेरणा बन चुके हैं। बेहतरीन खेती के लिए वह कई बार जिला मुख्यालय पर प्रदेश स्तर पर सम्मानित किए जा चुके हैं।
गाँव खेडिया रफातपुर निवासी राधेश्याम शर्मा कक्षा 8वीं पास हैं। उनके पास खुद की एक एकड़ जमीन है। परिवार की माली हालत ठीक नहीं होने के कारण उन्होंने छोटी उम्र में ही पिता के साथ खेती में हाथ बंटाना शुरू कर दिया था। पिता के साथ काम करने के दौरान छोटी उम्र में उन्हें खेती करने का बड़ा अनुभव मिला। वह अनुभव अब इनके काम आ रहा है।
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राधेश्याम शर्मा बताते हैं, “ वैराइटी मूंगफली तो यहां पैदा हो सकती है लेकिन अतरौली क्षेत्र में देशी मूंगफली पैदा करना आसान नहीं है। गाजियाबाद स्थित कृषि विभाग के अनुसंधान केंद्र और लखनऊ के कृषि विभाग के अनुसंधान केंद्र में रजिस्ट्रेशन हो गया है। मूंगफली पैदा होने के बाद सैंपल जाएगा। बस सैंपल पास होते ही इसकी सप्लाई गाजियाबाद अनुसंधान केंद्र के माध्यम से विदेशों में भी की जाएगी।”
जैविक खाद से पैदा कर रहे हैं मूंगफली
राधेश्याम शर्मा जैविक खाद भी बनाते हैं। केंचुआ के द्वारा बनने वाली इस खाद का प्रयोग वह मूंगफली उगाने में कर रहे हैं। रसायन खादों से उन्होंने दूरी बना रखी है। उनका मानना हैं कि जैविक खाद से पैदावार भले ही थोड़ी कम हो सकती है लेकिन स्वाद में मूंगफली देखने और दिखाने लायक होगी। इसकी पैदावार दो कुंटल प्रति बीघा तक हो सकती है।
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वहीँ कृषि विभाग में कार्यरत एडीओ फतहसिंहवर्मा बतातेहै, “किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए कृषि विभाग कई योजना चला रहा है। किसानों को कृषि विभाग की साइड पर अपना ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराकर सरकारी योजनाओं का लाभ उठाना चाहिए। परम्परागत खेती से हटकर किसान नया करें उनकी हरसंभव मदद की जाएगी।”
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