रविन्द्र सिंह यादव, सुशील कुमार सिंह
स्वयं कम्युनिटी जर्नलिस्ट
कन्नौज/सुल्तानपुर। ‘‘जब से पिता खत्म हुए हैं, कर्ज है। तीन बहनों की शादी करनी है। बैंकों का गुलाम बनकर रहना पड़ रहा था। अब बैंक और कर्ज के बंधन से मुक्त हो गया हूं। योगी सरकार की घोषणा से खुश हूं। अब बहनों की शादी कर सकूंगा।’’ यह कहते हुए 50 वर्षीय रामपाल झूम उठते हैं।
यूपी सरकार ने किया दो करोड़ से अधिक लघु एवं सीमांत किसानों का फसली कर्ज माफ
जिला मुख्यालय से करीब 75 किमी दूर बसे सौरिख ब्लॉक क्षेत्र के शेखूपुर गाँव निवासी रामपाल ही यूपी सरकार के कर्ज माफी के ऐलान से खुश नहीं हैं, बल्कि सैकड़ों किसानों के चेहरे पर चमक आ गई है। रामपाल आगे बताते हैं, ‘‘पिछली सपा सरकार में वसूली तो सख्ती से नहीं होती थी, लेकिन ब्याज तो देना ही पड़ता था। जमीन थोड़ी होने की वजह से खेती में पैदावार उतनी ही हो पाती थी कि ब्याज और घर का खर्च चल सके। अगर कर्ज माफ न होता तो वह बहनों की शादी नहीं कर पाते। दो भाइयों के बीच आठ बीघा जमीन है। सरकार ने कर्ज माफ कर अच्छा काम किया है।’’
रामपाल कहते हैं कि पहले वह किसान मित्र थे। बसपा सरकार आने पर निकाल दिया गया। सपा सरकार ने कहा था कि वापस लगाया जाएगा। शुरू में एक हजार रूपए मिलता था। उनको भाजपा सरकार पर भरोसा है कि एक हजार रूपए किसान मित्र के हिसाब से फिर मिलने लगेगा।
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महमदगंज गाँव निवासी 49 साल के किसान लज्जाराम कहते हैं, ‘‘लघु और सीमांत किसान ही गरीब होते हैं। योगी सरकार ने अच्छा काम किया है। बडे़ काश्तदार का अगर माफ नहीं हुआ तो क्या हुआ। गरीबों को तो लाभ मिला है।’’
वहीं सुल्तानपुर के भदैंया गाँव के किसान रामबाबू कहते हैं, “मैंने डेढ़ लाख रुपए खेती, मछली पालन के लिए लिया था, सरकार ने अच्छा फैसले से हम काफी खुश हैं, अब हम निश्चिंत होकर खेती कर सकते हैं।
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नगलाविशुना गाँव निवासी स्वदेश (45) का कहना है कि ‘‘भाजपा सरकार ने किसानों का कर्ज माफ करने का निर्णय अच्छा लिया है। अगर 20-25 बीघा किसान का भी कर्ज माफ होता तो और भी अच्छा रहता। हालांकि मैं खुश हूं, लेकिन कुछ लोग असंतुष्ट भी हैं।’’