स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क
लखनऊ। स्वच्छ भारत मिशन के तहत श्रमिकों और राज मिस्त्रियों का पंजीकरण कर उन्हें प्रशिक्षित किया जा रहा है। ब्लॉक स्तर पर पंजीकृत होने वाले श्रमिकों और राज मिस्त्रियों को श्रम विभाग की दुर्घटना मृत्यु, गंभीर बीमारी आदि योजनाओं का लाभ भी दिया जाएगा।
स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालयों का निर्माण करने वाले श्रमिकों और राज मिस्त्रियों का श्रम विभाग के द्वारा पंजीकरण कराया जा रहा है। पंजीकरण कराने की जिम्मेदारी मुख्य विकास अधिकारी और ब्लॉक बीडीओ के माध्यम से की जा रही है। बेस लाइन सर्वे-2012 के मुताबिक, जिले में अभी 4.26 लाख से अधिक परिवारों के पास शौचालय की सुविधा नहीं है।
ये भी पढ़ें- सफाईकर्मी करेंगे शौचालयों का सत्यापन, तो कैसे संभलेगी सफाई व्यवस्था?
इन सभी के शौचालय निर्मित होने हैं, जिसके लिए पंचायतीराज विभाग द्वारा सभी 19 ब्लॉकों में 50-50 राज मिस्त्रियों का चयन कर दो दिवसीय प्रशिक्षण दिया जा रहा है। शौचालय निर्माण के लिए सामान्य श्रमिक भी चयनित किए जा रहे हैं। इनके चयन श्रम विभाग के द्वारा किया जा रहा है।
ऐसे नियामों बनाने से श्रमिकों को योजनाओं का लाभ मिल सकेगा और गाँव खुले में शौच से मुक्त हो सकेगा। अगले साल तक ओडीएफ बनाने का लक्ष्य पंचायतीराज विभाग ने तय कर रखा है। इसलिए आगामी महीनों में पूरे जिले में बड़े स्तर पर शौचालयों का निर्माण होना है।
संजय सिंह चौहान, राज्य सलाहकार, स्वच्छ भारत मिशन
बहुत से श्रमिकों का श्रम विभाग में पंजीकरण न होने के कारण उन्हें किसी भी योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है और न ही उन्हें रहने की सुविधा उपलब्ध कराई जा पा रही है। इसलिए मुख्य विकास अधिकारी और बीडीओ शौचालय बनाने वाले सभी श्रमिकों व राज मिस्त्रियों का पंजीकरण कराएंगे। ताकि उन्हें श्रम विभाग की योजनाओं से लाभान्वित किया जा सके।
मुख्य विकास अधिकारी प्रशान्त शर्मा का कहना है, “राजधानी में डेढ़ लाख से अधिक शौचालय की जरूरत है। जिसके लिए हमें बहुत सा पैसा भी चाहिए। लगातार हम जनपद को खुले में शौच से मुक्त कराने के प्रयास कर रहे है।”
ताजा अपडेट के लिए हमारे फेसबुक पेज को लाइक करने के लिए यहां, ट्विटर हैंडल को फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें।