स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क
मेरठ। देश में खराब दिनचर्या और जीवन शैली लोगों की मौत का कारण बन रही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट की मानें तो भारत में हर वर्ष 52 फीसदी से ज्यादा लोग अपनी खराब जीवन शैली के कारण गंभीर बीमारियों का शिकार हो रहे हैं। ऐसे में देश में हर साल खराब जीवन शैली से संबंधित बीमारियों की वजह से लाखों मौत हो जाती हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, हर वर्ष पूरी दुनिया में 27 करोड़ लोग खराब जीवन शैली की वजह से गंभीर बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं। दूसरी ओर, ये बात भी साबित हो चुकी है कि भागदौड़ भरी जिंदगी के अलावा अवैध संबंध इन खराब जीवन शैली से संबंधित बीमारियों के शिकार होने की बड़ी वजह साबित हो रही है।
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वरिष्ठ मनोचिकित्सा डॉ. रवि राणा बताते हैं, “बढ़ती तकनीक ने मनुष्य को सुविधा भोगी बना दिया है, जो हानिकारक है और इस वजह से लोग तेजी से बीमारियों के शिकार हो रहे हैं।” सर्वे में पिछले तीन साल का आंकलन किया गया, जिसमें अकेले मेरठ जनपद से ओवरऑल 46 फीसदी लोगों की मौत खराब जीवनशैली की वजह से हुई है, जबकि महिलाओं में यह आंकड़ा 50 फीसदी के पार है।
डॉ. रवि राणा आगे बताते हैं, “हमारी खानपान की गलत आदतें और बिगड़ी हुई जीवनशैली कई बीमारियों की वजह साबित होते हैं। इन बीमारियों को शरीर में विकसित होने में लंबा समय लगता है। इसलिए ये जल्दी नियंत्रण में नहीं आती। जंक फूड़, बिगड़ी हुई आदतें और फिजिकल एक्टीविटीज में कमी इन बीमारियों की जन्मदाता है।
तंबाकू, स्मोकिंग, एल्कोहल का उपयोग करने से लाइफ स्टाइल डिसीज के होने का रिस्क 40 प्रतिशत बढ़ जाता है।“वहीं, पूर्व आईएमए अध्यक्ष तनुराज सिरोही बताते हैं कि भागदौड़ भरी जिंदगी में मनुष्य जीवन के लिए लाइफ स्टाइल सबसे बड़ी समस्या है। जागरूकता और सावधानी से ही इससे बचा जा सकता है।
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महिलाएं ज्यादा शिकार
अक्सर महिलाएं अपने खाने के प्रति बेहद लापरवाह होती हैं, समय पर खाना न खाने और ज्यादा काम करने की वजह से महिलाएं ज्यादा शिकार होती हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में 68 प्रतिशत महिलाएं लाइफ स्टाइल डिसीज की शिकार होती हैं। समय पर खाना न खाना और जंक फूड ज्यादा खाना महिलाओं को इन बीमारियों की ओर धकेलता है।
खराब जीवन शैली से महिलाओं पर भी खासा असर
डब्लयूएचओ की रिपोर्ट के मुताबिक, 21 से 52 साल की महिलाएं लाइफ स्टाइल डिसीज में प्रभावित होती हैं। इनमें ज्यादा रेशियो ओबेसिटी, डिप्रेशन, कॉनिक, बैक प्रॉब्लम, डाइबिटीज और हाइपरटेंशन का है। प्रिवेंटीव हेल्थ केयर एंड कॉरपोरेटीव फीमेल वर्क्स ने भी इस बात को माना है कि कई घंटों तक डेड लाइन में काम करने वाली महिलांए 75 प्रतिशत ज्यादा डिप्रेशन और एंजायटी का शिकार होती हैं। स्त्री रोग विषेशज्ञ डॉ रष्मि आर्य बताती हैं कि हमारी लाइफ स्टाइल धीरे-धीरे दर्जनों बीमारियां परोस रही हैं, इससे पनपी बीमारी आगे खतरनाक मोड़ ले लेती हैं। जागरूकता ही इसका सबसे अच्छा उपचार है।
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खराब जीवनशैली से ये होती हैं प्रमुख बीमारियां
अल्जाइमर डिसीज, हार्ट डिसीज, आर्टरियोक्लोरोसिस, नैफ्रेरेटिस स्ट्रोक, कैंसर, इंसोमेनिया, क्रॉनिक लिवर डिसीज, स्ट्रेस डिप्रेशन, डाइबिटीज, गैस्टो डिस्ऑर्डर।
आदतों में करें सुधार
- देर रात तक न जगें और सुबह जल्दी सोकर उठें।
- सोने से पहले हल्का गीत-संगीत या किताब पढ़ने की आदत डालें।
- लगातार ऐसा काम न करें जिसमें आपको ध्यान लगाना पड़े, हर दो घंटे बाद पांच मिनट का ब्रेक लें।
- अगर मानसिक और शारीरिक थकान महसूस हो तो आराम करें या कहीं घूमने जाएं।
- ऑफिस वर्क करने वालों को गले, पीठ और बॉडी स्ट्रेच करने वाली कुछ नियमित एक्सरसाइज करनी चाहिए।
- बहुत लंबे समय तक फोन पर बात करने और टीवी देखने की आदत को बदलाव करें।
- अपने आपको रिफ्रेश रखने के लिए खेल जरूर खेलें।
(विषेशज्ञ डॉक्टर्स के अनुसार)
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