रहनुमा बेगम, स्वयं कम्युनिटी जर्नलिस्ट
औरैया। केवीके के वैज्ञानिकों ने जसा का पुर्वा गाँव में लोगों को गृह वाटिका लगाने के लिए एक दिवसीय प्रशिक्षण दिया, जिसमें कहा गया कि घर के आस-पास खाली पड़ी जमीन पर किस तरह सब्जी उगाकर रसोई का खर्च कम कर सकते हैं। सब्जी उगाने के लिए केवीके के द्वारा निशुल्क बीज दिया जाएगा।
जिला मुख्यालय से 12 किलोमीटर दूर कृषि विज्ञान केंद्र परवाहा के वैज्ञानिकों ने ब्लॉक भाग्यनगर के गाँव जसा का पूर्वा में घरेलू स्तर पर गृह वाटिका विषय पर लोगों को एक दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया।
प्रशिक्षण में डॉ फूल कुमारी ने बताया, “घर के आस-पास खाली पड़ी जमीन का सदुपयोग कर परिवार को शुद्ध ताजी एवं कीटनाशक मुक्त सब्जी का उत्पादन किया जा सकता है।”
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केवीके वरिष्ठ वैज्ञानिक, अनंक कुमार ने बताया कि मंहगाई के आलम में किचन का लगभग 50 से 60 प्रतिशत खर्च सब्जी खरीदने पर आता है। फिर भी शुद्ध सब्जी नहीं मिल पाती हैं, जिससे कुपोषण की समस्या आ जाती है। इसलिए प्रशिक्षणार्थियों को गृह वाटिका में लगाने के लिए निशुल्क बीज दिया जाएगा।”
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद ने दैनिक आहार में कम से कम 300-360 ग्राम सब्जी प्रति व्यक्ति प्रतिदिन सेवन करने की अनुसंशा की है, जिसमें 100-150 ग्राम हरे पत्तेदार सब्जी, 85-100 ग्राम जड़ एवं कंद वाली एवं 100 ग्राम फल वाली अन्य सब्जियां प्रत्येक दिन आहार में शामिल होनी चाहिए।
खरीफ के मौसम में लौकी, तेारी, कददू, खीरा, करेला, भिंडी, चिंचिडा आदि को मचान विधि से लगाने से अधिक उत्पादन कमाया किया जा सकता है। इस विधि से पौधों को पर्याप्त मात्रा में हवा और सूर्य किरणें मिलती रहेंगी।
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