स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क
लखनऊ। गाय के गोबर को बेहतर तरह से प्रयोग करने के लिए यहां पशुपालकों को बायोगैस प्लांट लगाने का प्रशिक्षण दिया जाता है, यहां पर अभी तक प्रदेश के कई जिलों के हजारों पशुपालक प्रशिक्षण ले चुके हैं।
सुरेन्द्र सिंह (55) ने अपने घर में ही बायोगैस प्लांट लगाया है, ये प्रशिक्षण केन्द्र लखनऊ के सरोजनी नगर ब्लॉक के मुल्लाहीखेड़ा गाँव में यूनीसेफ व बायोएनर्जी मिशन सेल, नियोजन विभाग द्वारा ये प्रशिक्षण केन्द्र चलाया जा रहा है।
केन्द्र के प्रभारी सुरेन्द्र सिंह बताते हैं, “यहां पर साल भर पशुपालक प्रशिक्षण लेने आते हैं, प्रशिक्षण के लिए आए किसानों के ठहरने का बंदोबस्त यही पर किया जाता है। इसके साथ ही किसानों को बायो गैस संयत्र लगाने के लिए विभाग से मिलने वाली सब्सिडी से संबंधित सभी तरह की जानकारी दी जाती है।”
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वर्ष 2008 में लखनऊ जिला मुख्यालय से 30 किमी दूर सरोजनी नगर के मुल्लाहीखेड़ा गाँव में यूनीसेफ और बायोएनर्जी मिशन सेल नियोजन विभाग ने वर्ष 2008 में ठोस तरल अपशिष्ट प्रबंधन-शोध प्रयोग प्रशिक्षण केन्द्र की शुरुआत की गयी थी।
कृषि विभाग की तरफ से बायोगैस प्लांट प्रणाली को बढ़ावा देने के लिए किसानों को सब्सिडी दी जा रही है। एक प्लांट पर नौ हजार रुपए व एससी किसान को 11 हजार रुपए सब्सिडी दी जा रही है। यानि सामान्य किसान को छह घन मीटर का यह प्रोजेक्ट मात्र 26 हजार रुपए व एससी किसान को 24 हजार रुपए का पड़ेगा।
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सुरेंद्र बताते हैं, “अभी हमारे पास 10 दस गाय हैं, जिनसे दो हजार किलो गोबर मिलता है। इससे पांच केवीए का जनेरेटर चलता है और गैस का भी इसका इस्तेमाल किया जाता है। अभी इस प्लांट से सात से आठ घंटे बिजली मिलती है।” यूपी नेडा दो-चार घनमीटर बायोगैस प्लांट लगाने के लिए 8000 रुपए की सब्सिडी देता है।