नये साल पर आरबीआई डेबिट और क्रेडिट कार्ड से शापिंग करने वालों के लिये तोहफा ला रही है। अब कार्ड से खरीददारी सस्ती हो जाएगी। आरबीआई ने डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिये कार्ड से शापिंग पर मर्चेंट डिस्काउंट रेट (एमडीआर) में बदलाव करने की घोषणा की है। 1 जनवरी 2018 से ये बदलाव लागू हो जाएगा। इन बदलावों से छोटे मर्चैंट्स को ट्रांजैक्शन पर अब कम एमडीआर चार्ज देना है।
कैटेगरी के हिसाब से लगेगा एमडीआर चार्ज
अगर सालाना टर्नओवर 20 लाख रुपए से कम है तो…
- POS (प्वाइंट ऑफ सेल्स) मशीन से पेमेंट लेने पर अब इन कारोबारियों को बैंकों को प्रति ट्रांजैक्शन अधिकतम 0.40 फीसदी MDR ही देना होगा।
- यह चार्ज प्रति ट्रांजैक्शन अधिकतम 200 रुपए से ज्यादा नहीं हो सकता है।
- इसी तरह QR के माध्यम से पेमेंट लेने पर ऐसे कारोबारियों को अब अधिकतम 0.30 फीसदी MDR ही बैंकों को देना होगा।
- ये भी प्रति ट्रांजैक्शन अधिकतम 200 रुपए से ज्यादा नहीं हो सकता है।
अगर सालाना टर्नओवर 20 लाख से ज्यादा है तो…
- POS मशीन से पेमेंट लेने पर अब ऐसे कारोबारियों को बैंकों को प्रति ट्रांजैक्शन अधिकतम 0.90 फीसदी MDR (मर्चेंट डिसकाउंट रेट) ही देना होगा।
- यह प्रति ट्रांजैक्शन अधिकतम 1000 रुपए से ज्यादा नहीं हो सकता है।
- QR के माध्यम से पेमेंट लेने पर ऐसे कारोबारियों को बैंकों को अब अधिकतम 0.80 फीसदी MDR ही देना होगा।
- यह प्रति ट्रांजैक्शन अधिकतम 1000 रुपए ही हो सकता है।
डेबिट कार्ड से शॉपिंग होगी आसान
आरबीआई ने ‘स्टेटमेंट ऑन डेवलपमेंट एंड रेग्युलेटरी पॉलिसीज’ जारी करते हुए बताया कि हाल के दौर में ‘प्वाइंट ऑफ सेल्स’ पर डेबिट कार्ड ट्रांजैक्शंस में खासी बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है। केंद्रीय बैंक ने कहा, ‘गुड्स और सर्विसेज की खरीद के लिए मर्चैंट्स के व्यापक नेटवर्क पर डेबिट कार्ड की स्वीकार्यता बढ़ाने के लिए मर्चैंट्स की कैटेगरी के आधार पर डेबिट कार्ड ट्रांजैक्शंस पर लागू मर्चैंट्स डिस्काउंट रेट (एमडीआर) में बदलाव किया गया है।
ये भी पढ़ें- आरबीआई ने अपनी नीतिगत ब्याज दर 6 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखी
क्या है एमडीआर चार्ज
एमडीआर वह चार्ज है, जो बैंकों द्वारा डेबिट और क्रेडिट कार्ड सर्विसेज उपलब्ध कराने के एवज में मर्चैंट से वसूला जाता है।