सूखा प्रभावित क्षेत्रों में किसानों से वसूली नहीं

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लखनऊ। प्रदेश में सूखे की औपचारिक घोषणा तो नहीं हुई है, लेकिन राज्य सरकार ने लगातार दूसरे साल इससे निपटने के लिए तैयारी शुरू कर दी है।

मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिख किसानों को राहत पहुंचाने के लिए नए ऋणों व पुरानी अदायगी में छूट देने को कहा है। वहीं, मुख्य सचिव आलोक रंजन ने सभी मण्डलायुक्तों एवं डीएम को निर्देश दिए हैं कि संभावित सूखे को ध्यान में रखते हुए किसानों के मुख्य देयों की वसूली आगामी आदेशों तक स्थगित कर दी जाए। 

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार जून से लेकर सितंबर, 2015 तक यूपी में समान्य से 50 प्रतिशत से भी कम बारिश हुई। पूर्वी उत्तर प्रदेश में 46 प्रतिशत और पश्चिमी यूपी में यह 41 प्रतिशत रही है। 

पीएम को भेजे गए पत्र में सीएम ने लिखा है कि भारत सरकार की लघु अवधि कृषि ऋण पर ब्याज छूट योजना में दैवीय आपदा प्रभावित किसानों के कृषि ऋण की नई राशि में आगामी एक वर्ष तक दो प्रतिशत ब्याज में छूट की सुविधा है। योजना में तीन लाख रुपए तक लघु अवधि कृषि ऋ ण पर तीन प्रतिशत ब्याज सब्सिडी के साथ ही समय पर भुगतान करने पर तीन प्रतिशत अतिरिक्त ब्याज में छूट की व्यवस्था है। अच्छा होगा कि समय पर भुगतान के लिए तीन प्रतिशत अतिरिक्त ब्याज में छूट का लाभ भी दैवीय आपदा से प्रभावित किसानों को नई धनराशि पर उपलब्ध कराया जाए।

आईएमडी के अनुसार पूरे देश में 29 जि़लों में भयंकर सूखा पड़ा है। इनमें से सबसे ज्य़ादा 16 जि़ले अकेले उत्तर प्रदेश के हैं।

मुख्य सचिव ने प्रदेश के बीमित 15 लाख किसानों को फसल बीमा की धनराशि का भुगतान जल्द से जल्द कराने को कहा। अधिकारियों से फील्ड में जाकर किसानों की मदद करने को कहा है।

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