देसी नस्ल के पशुओं का संरक्षण करने वाले कर सकते हैं नस्ल संरक्षण पुरस्कार के लिए आवेदन

देसी नस्ल की गाय-भैंस, मुर्गी-बतख, भेड़-बकरी जैसे पशुओं के संरक्षण के लिए आईसीएआर- राष्ट्रीय पशु आनुवांशिक संस्थान ब्यूरो ने नस्ल संरक्षण पुरस्कार-2021 के लिए आवेदन मांगे हैं।
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अगर आप भी देसी नस्ल की गाय-भैंस, मुर्गा, बतख, घोड़ा-गधा किसी के संरक्षण पर काम करते हैं, तो यह खबर आपके काम की साबित हो सकती है।

आईसीएआर- राष्ट्रीय पशु आनुवांशिक संस्थान ब्यूरो, करनाल ने नस्ल संरक्षण पुरस्कार-2021 के आवदेन मांगे हैं, पशुओं व कुक्कुटों की नस्लों के संरक्षण और रखरखाव में लगे पशुपालक, समुदाय या फिर संस्था को इस पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है।

राष्ट्रीय पशु आनुवांशिक संस्थान ब्यूरो के प्रधान वैज्ञानिक व कार्यक्रम समन्वयक डॉ. अनिल कुमार मिश्र पुरस्कार के बारे में बताते हैं, “देश में देसी नस्लों के संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए इस पुरस्कार की शुरूआत की गई है। इसमें हर वर्ष छह पुरस्कार दिए जाते हैं, 3 व्यक्तिगत और 3 संस्थागत। 15 अक्टूबर तक संस्थान को आवेदन भेजना होगा।”

दो श्रेणियों में मिलता है पुरस्कार

नस्ल संरक्षण पुरस्कार दो श्रेणियों में दिया जाता है, व्यक्तिगत नस्ल संरक्षण पुरस्कार और दूसरा संस्थागत नस्ल संरक्षण

पुरस्कार जैसे की सरकारी संस्थान, नस्ल सोसाइटी, एनजीओ, गौशाला आदि इस पुरस्कार के लिए आवेदन कर सकते हैं।

दोनों श्रेणियों में पहला पुरस्कार गाय व भैंस के संरक्षण के लिए, दूसरा पुरस्कार भेड़ व बकरी की देसी नस्ल के संरक्षण के लिए और तीसरा पुरस्कार अन्य पशुधन प्रजातियों जैसे सुअर, घोड़ा, कुक्कुट, याक और ऊंट आदि के संरक्षण के लिए दिया जाता है।

ऐसे होगा पुरस्कार का चयन

एनबीएजीआर में प्राप्त सभी आवेदनों की पहले जांच की जाएगी, इसके लिए एक विशेषज्ञ चयन समिति का गठन किया जाएगा। जो नस्ले कम संख्या में बची हैं या फिर संकट में हैं उनके संरक्षण में लगे पशुपालकों, व्यक्तियों, समुदाय और सस्थाओं को प्राथमिकता दी जाएगी। सभी नस्ल संरक्षण पुरस्कार प्राप्त करने वालों के नाम आईसीएआर-एनबीएजीआर, करनाल की वेबसाइट पर घोषित किए जाएंगे, साथ ही विजेताओं को ई-मेल व फोन से भी सूचना दी जाएगी।

क्या आप भी हैं आवेदन के लिए पात्र

देसी पंजीकृत नस्लों के सरंक्षण और रखरखाव में लगे भारतीय नागरिक, समुदाय और संस्थाएं आवेदन कर सकते हैं। इसके साथ ही संरक्षित नस्लों से बने उत्पाद या इनके मूल्य वृद्धि, नस्लों के महत्व में वृद्धि, नस्ल संरक्षण के पशु प्रजनन सम्बंधित सेवाओं जैसे किसी भी काम के माध्यम से नस्ल संरक्षण में लगे व्यक्ति, पशु संरक्षक, समुदाय/संस्था या संरक्षण कर्ता आवेदन कर सकते हैं।

कोई भी व्यक्ति, समुदाय और संस्था जो कम से कम पिछले 5 वर्षों से पशु संरक्षण और पशुपालन में लगे हों, नस्ल संरक्षण पुरस्कार के लिए आवेदन कर सकते हैं।

कोई भी संस्थान, संस्था पंजीकृत बीडर्स एसोसिएशन, नस्ल आधारित सोसाइटी, अन्य सोसाइटी, गैर सरकारी संगठन या फिर गोशाला जो पशुओं की पंजीकृत या नस्ल संरक्षण के कार्य में लगे हैं, को भी संस्थागत वर्ग में माना जाएगा।

संस्थागत श्रेणी में एक संस्थान से एक प्रजाति के लिए एक ही आवेदन स्वीकार्य किया जाएगा। इसलिए संस्थान एक प्रजाति के लिए एक ही आवेदन भेजें। हालांकि संस्थान दूसरा आवेदन दूसरी प्रजाति की पंजीकृत नस्ल के लिए कर सकते हैं।

केवल आईसीएआर-एनबीएजीआर, करनाल द्वारा पंजीकृत पशुधन और कुक्कट की नस्लों का ही इस पुरस्कार के लिए विचार किया जाएगा। पंजीकृत नस्लों की जानकारी संस्थान की वेबसाइट पर उपलब्ध है।

आवेदक द्वारा रखे गए पशुओं के समूह/पक्षी के झुंड में पशुओं की संख्या निर्धारित की गई है।

सभी व्यक्ति/समुदाय/संस्थाएं पुरस्कार की एक से अधिक श्रेणियों के लिए आवेदन कर सकते हैं। लेकिन आवेदन पशुधन/कुक्कुट के लिए केवल एक ही नस्ल के लिए मान्य होगा। अगर किसी आवेदन में एक अधिक नस्लों का नाम शामिल किया जाएगा तो वह आवेदन निरस्त कर दिया जाएगा, हालांकि आवेदक एक से अधिक नस्लों के लिए आवेदन कर सकते हैं।

वे नस्ले जिन्हें पहले पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है, वे पुरस्कार पाने के 3 वर्षों के बाद ही दोबारा उस वर्ग के लिए आवेदन भेज सकते हैं।

ऐसे कर सकते हैं आवेदन

आवेदन के लिए कोई भी शुल्क नहीं है, हालांकि आवेदन की दो प्रतियां भेजनी होंगी। आवेदन फार्म के साथ पिछले 3 साल की ऑडिट स्टेटमेंट संलग्न करना जरूरी है, लेकिन यह केवल गैर सरकारी संस्थाओं के लिए लागू है।

हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं आवेदन प्रारूप पीडीएफ या वर्ड फाइल और संस्थान के वेबसाइट से डाउनलोड करें।

प्रत्येक श्रेणी के पुरस्कार के लिए आवेदन बंद लिफाफे में अलग-अलग भेजें। आवेदन निदेशक, भाकृअनुप –राष्ट्रीय पशु आनुवंशिक संसाधन ब्यूरो, जी.टी. रोड, करनाल- 132 001 (हररयाणा) के पास भेजना होगा।

ऑनलाइन या आवेदन की सॉफ्ट कापी भी स्वीकार्य होगी। लेकिन ऑनलाइन आवेदन के साथ आवेदन में मांगे गए फोटो को अलग से जेपीजी फार्मेट में भेजना होगा।

पिछले दो साल में इन्हें मिला था पुरस्कार

साल 2019 में व्यक्तिगत वर्ग में गाय/भैंस की श्रेणी में साहिवाल गाय, भेड़/बकरी के श्रेणी में बरबरी बकरी और अन्य श्रेणी में हलारी गधे संरक्षण के लिए पुरस्कार मिला था, संस्थागत वर्ग श्रेणी में मणिपुर टट्टू को पुरस्कार मिला था। साल 2020 में साल 2019 में व्यक्तिगत वर्ग में गाय/भैंस की श्रेणी में अंगोल गाय, चिलिका भैंस, भेड़/बकरी के श्रेणी में चान्गाथाी बकरी और संस्थागत वर्ग की गाय/भैंस की श्रेणी में कांकरेज गाय, जाफराबादी भैंस और भेड़/बकरी के श्रेणी में कोंकण कान्याल बकरी और अन्य श्रेणी में कड़कनाथ मुर्गी के सरंक्षण मे ंपुरस्कार दिया गया था।

अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें

डॉ अनिक कुमार मिश्र, (प्रधान वैज्ञानिक एवं कार्यक्रम समन्वयक) भाकृअनुप – राष्ट्रीय पशु आनुवंशिक संसाधन ब्यूरो, करनाल 132 001 (हरियाणा) फोन: 9456207714; ई – मेल : anilmishra65@gmail.com; anil.mishra2@icar.gov.in

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