जमीनी स्तर पर कौशल विकास बढ़ाने में योगदान करने के उद्देश्य से युवाओं, गतिशील लोगों के लिए अवसर पैदा करने को शुरू की गई दो वर्ष की फेलोशिप महात्मा गांधी राष्ट्रीय फेलोशिप के दूसरे चरण की शुरुआत की गई है।
दो वर्षीय फेलोशिप में शैक्षणिक भागीदार आईआईएम द्वारा कक्षा सत्रों को जिला स्तर पर व्यापक फील्ड इमर्सन के साथ संयोजित करने का प्रयास किया गया है, जिससे रोजगार, आर्थिक उत्पादन बढ़ाने और आजीविका को प्रोत्साहन देने के लिए विश्वसनीय योजनाएं बनाने और इनसे जुड़ी बाधाओं की पहचान की जा सके।
केंद्रीय शिक्षा और कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने 25 अक्टूबर को इसकी शुरुआत की। इस अवसर पर अपने संबोधन में प्रधान ने फेलोज से कौशल विकास के प्रयासों के द्वारा जमीनी स्तर पर सामाजिक बदलाव के प्रेरक के रूप में काम करने का आह्वान किया। उन्होंने जिलाधिकारियों और शैक्षणिक भागीदार आईआईएम से इस फेलोशिप के माध्यम से फेलोज को सहूलियत देने और बदलाव की एक सफल कहानी लिखने का आह्वान किया।
Inauguration of Mahatma Gandhi National Fellowship (MGNF) Phase – II. https://t.co/prmBi8LU0B
— Dharmendra Pradhan (@dpradhanbjp) October 25, 2021
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 पर बोलते हुए, धमेंद्र प्रधान ने शिक्षा और कौशलों के बीच मजबूत तालमेल बिठाने के विजन और एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट सहित इस दिशा में की गईं हालिया पहलों को रेखांकित किया। उन्होंने सभी आईआईएम से फेलोज को राष्ट्रीय शिक्षा नीति के बारे में जागरूक बनाने का अनुरोध किया।
महात्मा गांधी राष्ट्रीय फेलोशिप
देश में मिशन के संचालन और कौशल प्रशिक्षण तंत्र को मजबूत बनाने के लिए कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय ने जनवरी, 2018 में विश्व बैंक के कर्ज से सहायता प्राप्त कार्यक्रम आजीविका प्रोत्साहन के लिए कौशल संकलन और ज्ञान जागरूकता (संकल्प) लॉन्च किया था।
संकल्प देश में कुशल कार्यबल की आपूर्ति और मांग के बीच के अंतर को प्रभावी रूप से कम करने के लिए जिला कौशल समितियों (डीएससी) के साथ काम करता है, जिससे युवाओं को काम करने और कमाने के अच्छे अवसर मिलते हैं।
संकल्प के अंतर्गत एमजीएनएफ कार्यक्रम जिला स्तर पर पेशेवरों का एक कैडर उपलब्ध कराने के लिए तैयार किया गया है, जो न सिर्फ शासन और सार्वजनिक नीति के बारे में बल्कि व्यावसायिक शिक्षा के बारे में भी जानते हों। एमजीएनएफ क्रमशः आईआईएम परिसर और जिलों में संचालित शैक्षणिक और काम आधारित प्रशिक्षण का एक विशेष मिश्रण है।
Launched the phase-II of Mahatma Gandhi National Fellowship, a two-year long fellowship conceived to create opportunity for young, dynamic individuals to contribute to enhancing skill development at the grassroots. pic.twitter.com/2lkxjK5WGl
— Dharmendra Pradhan (@dpradhanbjp) October 25, 2021
एकेडमिक मॉड्यूल फेलोज को प्रबंधन, विकास अर्थशास्त्र, सार्वजनिक नीति और जिला कौशल इकोसिस्टम से रूबरू कराता है। क्षेत्रीय कार्य के दौरान, फेलोज जिले में सामने आ रही कौशल संबंधी चुनौतियों पर जिले में डीएससी अधिकारियों के साथ मिलकर काम करेंगे। डीएससी अधिकारियों के साथ, वे जिला कौशल विकास योजनाओं (डीएसडीपी) और कार्यान्वयन के रोडमैप को एक साथ सामने रखेंगे। एमजीएनएफ जिलों में प्रमाण आधारित योजना और कुशल बनाने के प्रबंधन पर सहयोग करेंगे। स्थानीय जरूरतों के लिए कौशल विकास में “वोकल फॉर लोकल” को प्रोत्साहन देने पर जोर दिया जाता है और उद्योग के लिए प्रासंगिक कौशल बेस के विकास से “आत्मनिर्भर भारत” के उद्देश्य को हासिल करने में भी मदद मिलेगी।
एमजीएनएफ 21-30 आयु वर्ष की महिलाओं और पुरुषों के लिए एक अवसर है, जो कौशल विकास कार्यक्रम की डिलिवरी में सुधार के लिए जिला प्रशासन का प्रेरक सहयोग उपलब्ध कराने के लिए पहले ही कुछ हद तक शैक्षणिक या व्यावसायिक विशेषज्ञता हासिल कर चुके हैं।
एमजीएनएफ चरण-1 (पायलट) : इसे शैक्षणिक भागीदार के रूप में आईआईएम बंगलुरू के साथ लॉन्च किया गया और वर्तमान में 6 राज्यों के 69 जिलों में 69 फेलोज कार्यरत हैं।
एमजीएनएफ चरण-2 (राष्ट्रीय स्तर पर कार्यान्वयन) : 661 एमजीएनएफ के साथ 25 अक्टूबर को लॉन्च हो गया है, जिन्हें देश के सभी जिलों में तैनात किया जाएगा। 8 अतिरिक्त आईआईएम के जुड़ने के लिए इससे कुल 9 आईआईएम (आईआईएम अहमदाबाद, आईआईएम बंगलुरू, आईआईएम जम्मू, आईआईएम कोझिकोड, आईआईएम लखनऊ, आईआईएम नागपुर, आईआईएम रांची, आईआईएम उदयपुर और आईआईएम विशाखापट्टनम) जुड़ गए हैं।