अगर आप भी मछली पालन या फिर उससे संबंधित किसी भी व्यवसाय से जुड़े हैं तो आप भी फिशरीज स्टार्टअप ग्रैंड चैलेंज में हिस्सा ले सकते हैं।
भारत सरकार के मत्स्य विभाग ने स्टार्टअप इंडिया, वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के सहयोग से 13 जनवरी 2022 को “फिशरीज स्टार्टअप ग्रैंड चैलेंज” की शुरूआत की है। यह प्रतियोगिता देश के भीतर स्टार्ट-अप्स को मत्स्यपालन और जलीय कृषि क्षेत्र में अपने अभिनव समाधानों को प्रदर्शित करने के लिए एक मंच प्रदान करने के उद्देश्य से शुरू की गई है।
Fisheries Startup Grand Challenge’ launched by Hon’ble @PRupala, @Min_FAHD at #StartupIndiaInnovationWeek. It calls for innovative Startups to participate in the challenge via the @StartupIndia website pic.twitter.com/F3F9uRI4AE
— Startup India (@startupindia) January 14, 2022
कब और कैसे कर सकते हैं आवदेन
भारत सरकार के मत्स्य विभाग द्वारा आज शुरू किया गया ” फिशरीज स्टार्टअप चैलेंज” स्टार्ट-अप इंडिया पोर्टल- www.startupindia.gov.in पर आवेदन जमा करने के लिए 45 दिनों तक खुला रहेगा। 13 जनवरी से आवेदन शुरू है, आवेदन की अंतिम तारीख 26 फरवरी, 2022 है।
कौन सकता है आवेदन
उत्पादकता बढ़ाने के लिए प्रौद्योगिकी/समाधान का डिजाइन और विकास करना ताकि मछुआरे और मछली पालक किसान बेहतर मूल्य प्राप्त कर सकें।
बुनियादी ढांचे का विकास और मछली पालन के बाद प्रबंधन की सुविधा विकसित करना जो मछुआरों, मछली पालक किसानों को मूल्य वृद्धि, मूल्य सृजन और मूल्य प्राप्ति में सक्षम बनाएगा और मत्स्यपालन मूल्य श्रृंखला में न्यूनतम नुकसान को सुनिश्चित करेगा।
व्यापार समाधान और आउटरीच गतिविधियों का विकास करना जो देश में मांसहारी आबादी के बीच मछली और मछली उत्पादों को आसानी से सुलभ, स्वीकार्य और लोकप्रिय बना देगा।
मृदा अपरदन को कम करने/रोकने के लिए स्थायी समाधान विकसित करना, जल निकायों की कूड़ा (गाद) और तटीय मछुआरों के लिए पर्यावरण के अनुकूल समाधान विकसित करना।
विजेता को मिलेगा यह इनाम
इस चैलेंज से इस क्षेत्र के भीतर स्टार्ट-अप संस्कृति को बढ़ावा देने और उद्यमिता मॉडल की एक मजबूत नींव स्थापित होने की उम्मीद है। मत्स्य विभाग ने चैलेंज के लिए 3.44 करोड़ रुपये की धनराशि निर्धारित की है। चैलेंज के लिए चुने गए 12 विजेताओं को उनके ‘आइडिया का पीओसी’ में बदलने के लिए 10 शॉर्टलिस्ट किए गए स्टार्ट-अप्स को 2-2 लाख रुपये का नकद अनुदान दिया जाएगा। अंतिम दौर में विजेताओं को उनके आइडिया को प्रभावी पायलट प्रोजेक्ट में बदलने के लिए 20 लाख रुपये (सामान्य श्रेणी) और 30 लाख रुपये (एससी/एसटी/महिला) तक का अनुदान प्रदान किया जाएगा, जो आगे चलकर व्यावसायीकरण में बदल जाएगा।
वृहद स्तर पर, फिशरीज स्टार्टअप ग्रैंड चैलेंज और इसी तरह की प्रभावशाली गतिविधियों के माध्यम से, विभाग विभिन्न हितधारकों के सहयोगात्मक और सहयोगपूर्ण प्रयासों के माध्यम से क्षेत्र के भीतर समावेशी विकास की परिकल्पना करता है। महत्वपूर्ण रूप से, विभाग का लक्ष्य ‘आत्मनिर्भर भारत’ बनाने के उद्देश्य को पूरा करके राष्ट्र निर्माण में प्रगित करते हुए योगदान देना है।