कई बार गली मोहल्लों, चाय की दुकानों, दोस्तों की बैठकों में यह बात निकल आती है कि कहां पैसे लगाए जाएं जिससे फटाफट पैसा दोगुना तीन गुना और कई गुना हो जाए। उसमें से किसी का यह जवाब आ जाना की एक नयी योजना आयी है, जिसमें पैसे तुरंत दोगुने हो जाते हैं। फिर कुछ आकर्षक बातें उसके बारे में बताई जाती हैं और आखिर में सवाल पूछने वाले को आश्वस्त करने के सभी उपाय किये जाते हैं।
यह थोड़े समय में ज्यादा लाभ पाने की कामना हमेशा ही खाता धारक को लुभाती रहती हैं और बाजार में इसको लेकर कई प्रकार की योजनाएं आज बाजार में उपलब्ध हैं। अपने धन को निवेश करते समय हमें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि उस निवेश में जोखिम कितना है और आपको कब निवेश की गयी राशि लाभ समेत वापस चाहिए होगी।
प्रत्येक खाताधारक की जोखिम लेने की क्षमता और पैसे को निवेशित रखने की क्षमता अलग अलग होती है। आज हम जानेंगे ऐसे कुछ उपाय जो भारत की बैंकिंग व्यवस्था में सरलता से उपलब्ध हैं और जिनमें जोखिम नहीं है। हालांकि कुछ लोगों का मत है कि इनमें आकर्षक ब्याज नहीं मिलता और इनमें वृद्धि बहुत ही धीरे धीरे होती है, पर हमें अपने पूरे निवेश का कुछ हिस्सा अवश्य ही ऐसी जगह रखना चाहिए जहाँ भले ही प्रतिफल कम हो परन्तु निश्चित हो।
आज भी हमारे खाताधारकों में अच्छी खासी संख्या ग्रामीण क्षेत्रों से आती है जहां लोगों में निवेश को लेकर जागरूकता का अभाव है और इस बात का कई बार उनको नुकसान होता है। ग्रामीण भाग में पिछले कुछ वर्षों में विभिन्न योजनाएं आईं हैं, जिनमें लोगों ने ज्यादा ब्याज और आकर्षक प्रतिफल के प्रभाव में आकर निवेश तो किया, लेकिन उसमें उनको बाद में जाकर नुकसान ज्यादा हुआ।
निवेशक को लुभावने वायदों में नहीं खोना चाहिए बल्कि उसे पूरी जानकारी लेनी चाहिए और निवेश करते समय अपनी जागरूकता में कमी नहीं लानी चाहिए। बैंकिंग प्रणाली में सभी शाखाओं में कुछ निवेश के साधन उपलब्ध होते हैं, जिनमें कुछ तो बैंक की योजनाओं के होते हैं और कुछ केंद्र सरकार की।
बैंक ऐसी योजनाओं को अपने बिज़नेस को बढ़ाने के लिए और सरकार कल्याण के के लिए इनको समय समय पर लाती है। इन प्रयासों से खाताधारकों में बचत की आदतका निर्माण किया जाता है।
आइए जानते हैं कौन-कौन सी हैं योजनाएं
सावधि जमा (Term Deposit)
किसी खाताधारक के पास एकमुश्त पैसे निवेश करने हो तो इसके लिए यह योजना उपयुक्त है।
इस योजना में ब्याज मासिक, त्रैमासिक, अर्धवार्षिक और वार्षिक दिया जाता है। इससे निवेशक को एक आय का नियमित स्रोत्र मिल जाता है और निवेश की गयी राशि अवधि समाप्त होने के बाद पूरी मिल जाती है।
सावधि जमा में खाताधारक अपनी एकमुश्त राशि को रखकर गारंटीकृत आय, ब्याज भुगतान का विकल्प, ओडी या समय-पूर्व आहरण के माध्यम से नकद राशि जैसी सुविधाओं का लाभ उठा सकते हैं।
• न्यूनतम जमा अवधि – 7 दिन, अधिकतम जमा अवधि – 10 वर्ष
• न्यूनतम जमा राशि रु.1000/-, अधिकतम जमा राशि : कोई ऊपरी सीमा नहीं।
• 2 करोड़ और उससे अधिक की जमा राशि को थोक जमा माना जाता है। थोक में जमा की ब्याज दर साधारण जमा से कुछ कम होती है।
• केवल एक व्यक्ति के पक्ष में नामांकन सुविधा उपलब्ध है।
आवर्ती जमा (Recurring Deposit)
आवर्ती जमा योजना एक अवधि में नियत राशि की नियमित मासिक जमा के माध्यम से बचत करने का अवसर प्रदान करती है, जिससे निश्चित अवधि के आखिर में निश्चित वित्तीय लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए पर्याप्त धन उपलब्ध होता है। निवेशक अपने आने वाले समय में यदि किसी राशि को अर्जित करना चाहता है तो एक निश्चित राशि को प्रतिमाह निवेश कर के वह सोची हुई राशि को अवधि के अंत में पा सकता है।
निवेशक के पास एकमुश्त पैसे इकट्ठा करने की ज़रूरत नहीं होती और उसके दैनिक खर्चों पर भी इस निवेश की वजह से कुछ ख़ास फर्क नहीं पड़ता। छोटे बच्चों में बचत की आदत डालने के लिए भी इसका उपयोग किया जा सकता है।
• जमा की अवधि न्यूनतम – 12 महीने, अधिकतम – 120 महीने
• न्यूनतम जमा राशि रुपए 100/- प्रति माह है (उसके बाद रुपए 10/- के गुणकों में)
• जमा के बदले ऋण/ओडी उपलब्ध है।
• केवल एक व्यक्ति के पक्ष में नामांकन सुविधा उपलब्ध है।
आज ‘बात पते की’ के इस भाग में हमने जाना सावधि जमा (Term Deposit) और आवर्ती जमा (Recurring Deposit) के बारे में, निवेशक अपनी सुविधानुसार इनमें से किसी भी योजना से जुड़ सकते हैं और निश्चित लाभ पा सकते हैं। आगे ऐसी ही कई योजनाओं के बारे में बताएंगे।