फल सब्जियों की फसल को कीटों से बचाने के लिए करें नीम-तुलसी का इस्तेमाल

फलों और सब्जियों के लिए नीम-तुलसी आधारित सुरक्षित कीटनाशक बनाना एक प्राकृतिक और पर्यावरण-अनुकूल तरीका है। नीम और तुलसी का उपयोग सदियों से पारंपरिक कृषि में कीट से बचाव में किया जाता है।
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किसान आजकल फल और सब्जियों के उत्पादन के लिए किसी भी प्रकार का कोई कीटनाशक इस्तेमाल नहीं करना चाहता है, उसका मानना है जहरीले कीटनाशकों के उपयोग से उनके फल और सब्जी जहरीले हो जाएँगे । वह चाहते हैं उनके फल और सब्जी के उत्पादन के क्रम में हानिकारक कीटनाशकों के प्रयोग के बिना, उन्हें कीड़ों से सुरक्षित रखा जाए।

इस क्रम में नीम और तुलसी का नाम प्रमुखता से लिया जाता है। किसानों के सामने सबसे बड़ा सवाल है इनसे कैसे कीटनाशक बनाया जाए।

नीम के अर्क का उपयोग कृषि में कीटों और रोग प्रबंधन और पौधों को पोषक तत्वों की आपूर्ति के लिए किया जाता है। इसके अलावा, नीम किसानों के लिए सुरक्षित है, इसका उपयोग पूरे फसल चक्र के दौरान, पर्यावरण की दृष्टि से सुरक्षित और अलग-अलग आईपीएम रणनीतियों के अनुकूल किया जा सकता है। नीम के यौगिक कीटों के लिए प्रणालीगत और संपर्क विष के रूप में काम करते हैं।

आइए जानते हैं नीम आधारित कीटनाशक कैसे तैयार करते हैं?

नीम की ताज़ा पत्तियों से कीटनाशक दवा बनाना

नीम की एक किलो हरी पत्तियों को एक बाल्टी में इकट्ठा करें और 5 लीटर पानी डालें और पत्तियों को पीस लें और रात भर या 12 घंटे के लिए छोड़ दें। इसके बाद पत्तियों को निचोड़े और तरल को एकत्र करें। पत्ती के छोटे टुकड़े को हटाने के लिए तरल को रसोई की छलनी या मलमल के कपड़े से छान लें। लगभग 20 ग्राम साबुन या कोई भी स्टीकर को थोड़ी मात्रा में पानी में घुलने तक मिलाएँ। इस तरह से तैयार नीम के तरल को एक सप्ताह तक उपयोग कर सकते हैं।

नीम के सूखे पत्ते से कीटनाशक बनाना

हरी नीम की पत्तियों को इकट्ठा करके सीधी धूप से सुखा लें। पत्तियों को एक कंटेनर में स्टोर करें जिससे चारों ओर भरपूर हवा मिल सके। 250 ग्राम सूखे नीम के पत्ते एक बाल्टी में 5 लीटर पानी मे रात भर या 12 घंटे के लिए भिगो दें। पत्तियों को पीसें और तरल को रसोई की छलनी या मलमल के कपड़े से छान लें, इसके बाद स्प्रेयर में डालें और प्रयोग करें। इसमें लगभग 20 ग्राम साबुन या 20 मिलीलीटर स्टीकर को भी मिला लेना चाहिए।

नीम के बीज से (अर्क) सुरक्षित कीटनाशक कैसे बनाएँ?

फल और सब्जियों में लगने वाली फल मक्खी के साथ साथ अधिकांश कृषि कीट को नीम के बीज के अर्क से सफलतापूर्वक प्रबंधित कर सकते हैं।

इसको बनाने के लिए छिले हुए नीम के बीजों को 3-5 किलोग्राम हल्के हाथों से पीस लें। पिसे हुए बीजों को मिट्टी के बर्तन में रखें इसमें 10 लीटर पानी डालें। मटके के मुँह को कपड़े से अच्छी तरह ढक कर 3 दिन के लिए ऐसे ही छोड़ दें, फिर साफ़ अर्क पाने के लिए छान लें। एक लीटर नीम के बीज के अर्क को 9 लीटर पानी में घोलें, इस घोल में 100 मिली साबुन या स्टीकर डालें और अच्छी तरह से हिलाएं।

तुलसी के पत्ते के अर्क से फल मक्खी का प्रबंधन कैसे करें?

तुलसी के पत्ते का अर्क बनाने के लिए 50 ग्राम तुलसी के पत्तों को पीस लेते हैं, उसे रात में 2-3 लीटर पानी में भिगो दें सुबह उसे छान लें, इसके बाद 8 से 12 मिली तरल साबुन डालें, अच्छी तरह से हिलाएँ। इस घोल से कैटरपिलर, फल मक्खियां, लाल मकड़ी, चित्तीदार पत्ती भृंग जैसे कीड़े प्रबंधित होते है।

नीम-तुलसी कीटनाशक के इस्तेमाल का सही समय

लाभकारी कीड़ों को नुकसान पहुंचाने से बचने के लिए नीम-तुलसी कीटनाशक सुबह या देर दोपहर के समय लगाएँ। निरंतर सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आपको हर 7-10 दिनों में या बारिश के बाद कीटनाशक को दोबारा प्रयोग की आवश्यकता हो सकती है।

नीम-तुलसी कीटनाशक का भंडारण

किसी भी बचे हुए कीटनाशक को ठंडी, अंधेरी जगह पर रखें। इसे कई हफ्तों तक स्टोर करके रखा जा सकता है।

नीम-तुलसी कीटनाशक के प्रयोग में सावधानियाँ

नीम-तुलसी कीटनाशक मनुष्यों और जानवरों के लिए सुरक्षित है, घोल को संभालते समय दस्ताने पहनना और आँखों के संपर्क से बचना एक अच्छा अभ्यास है।

यह सुनिश्चित करने के लिए कि कोई प्रतिकूल प्रभाव न हो, पूरी फसल पर लगाने से पहले हमेशा अपने पौधों के एक छोटे से हिस्से पर कीटनाशक का परीक्षण करें।

नीम-तुलसी कीटनाशक के लाभ

यह रासायनिक कीटनाशकों का एक प्राकृतिक और पर्यावरण-अनुकूल विकल्प है। यह लाभकारी कीड़ों और परागणकों के लिए सुरक्षित है। नीम-तुलसी आधारित कीटनाशकों में एंटीफंगल और रोगाणुरोधी गुण होते हैं। यह पौधों के समग्र स्वास्थ्य में सुधार करता है।

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