लखनऊ। विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर केडी सिंह बाबू स्टेडियम में एक भव्य मानव श्रृंखला का आयोजन किया गया। आयोजन का उद्घाटन मनोरोग किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के मानसिक विभाग के विभागाध्यक्ष डॉक्टर एससी तिवारी ने किया।
डॉक्टर एससी तिवारी ने मानव संखला में आए हुए सभी छात्र अध्यापकों पैरामेडिकल स्टूडेंट एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को बताया, “आज हम मानसिक रोग के ज्वालामुखी पर बैठे हैं समाज में 10 में से सात व्यक्ति किसी न किसी प्रकार के मनोरोग से ग्रसित है वक्त आ गया है कि हम मानसिक रोग की गंभीरता एवं मरीज की मानसिकता को समझें और प्रयास करें शीघ्र ही मनोचिकित्सक से मिलकर रोग के निदान की दिशा में प्रयास करें।”
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इस रिपोर्ट से पता चलता है कि चीन और भारत डिप्रेशन से बुरी तरह प्रभावित देशों में शामिल हैं। दुनिया भर में डिप्रेशन से प्रभावित लोगों की संख्या करीब 32.2 करोड़ है, जिसका 50 फीसदी सिर्फ इन दो देशों में हैं। डब्ल्यूएचओ के डेटा से पता चलता है कि दुनिया भर में डिप्रेशन के शिकार लोगों की अनुमानित संख्या में 2005 से 2015 के बीच 18.4 फीसदी की बढ़ोतरी हो गई।
महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य उत्तर प्रदेश डॉक्टर पद्माकर सिंह ने बताया, “प्रदेश में मनोचिकित्सकों की भारी कमी है, फिर भी भारत सरकार ने राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम प्रकोष्ठ की स्थापना की जा रही है, जिसमें एक मनोरोग चिकित्सक प्रतिदिन मरीजों का परीक्षण करेगा।डॉक्टर अलग-अलग देशों में अलग अलग विद्यालयों एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में जाकर मरीजों का इलाज करेंगे।
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वर्ष 2015 में 7.88 लाख लोगों ने आत्महत्या की और इससे कई गुना ज्यादा ने आत्महत्या का प्रयास किया। डब्ल्यूएचओ के आंकड़ों की मानें तो देश में कुल 6-7 फीसदी लोगों को किसी ना किसी तरह की दिमागी समस्या है, जबकि 1-2 फीसदी रोगियों को गंभीर समस्या है। रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में 5 करोड़ से ज्यादा लोग डिप्रेशन यानी अवसाद के शिकार हैं। इसके अलावा 3 करोड़ से ज्यादा लोग एंग्जाइटी डिसऑर्डर से ग्रस्त हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, दुनिया भर में मानसिक, न्यूरोलॉजिकल व नशे की लत से जितने लोग पीिड़त हैं, उसमें से करीब 15 फीसद मरीज़ भारत में हैं। राष्ट्रीय मेंटल हेल्थ सर्वे 2015-16 के आंकड़े बताते हैं कि देश में 18 से अधिक उम्र वाले 5.25 फीसद लोग अवसाद से पीिड़त हैं यानी हर 20 में से एक व्यक्ति मानसिक अवसाद से ग्रस्त है। बच्चों में भी मानसिक तनाव बड़ी समस्या बन रही है।
कार्यक्रम में जिलाधिकारी लखनऊ कौशल राज शर्मा सहित डॉक्टर, छात्र अध्यापक, पैरामेडिकल स्टूडेंट और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित रहे।
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