बदलती जीवन शैली के चलते बढ़ती बीमारियों से बचने के लिए मरीज़ों को नियमित योग और व्यायाम करने से काफी लाभ मिलता है। मधुमेह, उच्च रक्तचाप, अस्थमा, पीठ में दर्द, वजन कम करने आदि ऐसी बीमारियों में तो नियमित व्यायाम करने से काफी फायदा होता है। इसके अलावा गठिया, टीबी, कैंसर जैसे असाध्य रोगों में भी नियमित योग से फायदा मिलता है।
इस बारे में आयुष विभाग गोंडा में योग का प्रशिक्षण देने वाली डॉ. अनीता सिंह बताती हैं, ”कुछ बीमारियां ऐसी होती हैं जिनमें दवा से ज्यादा योग फायदेमंद होता है। दवाओं का तो साइड इफेक्ट भी होता है, ऐसे में मरीजों को योगासन करने की सलाह दी जाती है, जो लोग पूरी तरह से स्वस्थ हैं अगर वह भी नियमित रूप से योग करते हैं तो उनको आगे चलकर गंभीर रोगों का खतरा नहीं रहता है। योग व प्राणायाम करने से शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और बीमारियों का खतरा कम हो जाता है।”
थायराइड
यह समस्या थॉयरॉक्सिन हार्मोन के असंतुलन के चलते होती है। इस हार्मोन की कमी से शरीर में ऊर्जा की कमी, चिड़चिड़ापन, वजन असंतुलन, रक्तचाप आदि लक्षण शामिल हैं। इस बीमारी में हलासन, उष्ट्रासन, मत्स्यासन और धनुरासन से फायदा हो सकता है।
डायबिटीज़
एक ऐसा मेटाबॉलिज्म संबंधी रोग है, जिसमें प्रमुख समस्या शरीर की कोशिकाओं से ग्लूकोज का उपयोग नहीं कर पाना होता है। इस रोग के सबसे प्रमुख कारण अनियमित जीवनशैली, व्यायाम की कमी तथा मानसिक तनाव हैं। डॉ अनीता बताती हैं, डायबिटीज़ में सूर्य नमस्कार, उष्ट्रासन और कपालभाति फायदेमंद हैं।
अनिद्रा
रात में नींद न आना अनिद्रा का लक्षण है। यह एक ऐसी स्थिति होती है जिसमें व्यक्ति को रात को नींद नहीं आती तथा जिसके चलते वह दिनभर थकान और चिड़चिड़ापन महसूस करता है। इसके लिए पश्चिमोत्तासन और श्वासन फायदेमंद होता है। इससे दिमाग शांत होता है तथा आप अच्छा महसूस करते हैं।
अस्थमा
सर्दियों में अस्थमा के रोगियों की दिक्कत बढ़ जाती है। सांस लेने में कठिनाई से जुड़ी इस समस्या के उपचार में योग विशेषज्ञ, प्राणायम के कारगर होने का दावा करते हैं। इसमें कपालभाति और अनुलोम-विलोम करने से काफी फायदा मिलता है।