लखनऊ। समाजवादी पार्टी में एक और सेंधमारी हुई है। मेरठ की रहने वाली विधान परिषद सदस्य सरोजनी अग्रवाल ने शुक्रवार को एमएलसी पद से इस्तीफा दे दिया और भाजपा में शामिल हो गयी हैं। उन्होने समाजवादी पार्टी से भी इस्तीफ़ा दे दिया है। पिछले एक सप्ताह में एमएलसी के चार इस्तीफे हो चुके हैं इनमें से एक बसपा और बाकी तीन सपा से हुए हैं। भाजपा के ऐसे मंत्री जिनके पास अब तक किसी भी सदन की सदस्यता नहीं है उनके लिए रास्ते अब तेजी से खुलते जा रहे हैं।
भाजपा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा मंत्री मोहसिन रजा महेंद्र सिंह स्वतंत्र देव सिंह और कुछ अन्य मंत्री किसी भी सदन के सदस्य नहीं हैं। जबकि डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मोर्य लोकसभा सदस्य हैं। इन सबके लिए विधानसभा या विधान परिषद में अगले डेढ़ महीने में सीटें सुनिश्चित करनी होंगी। ऐसे में दूसरे दलों के एमएलसी के इस्तीफे के पीछे भाजपा की ही रणनीति स्पष्ट देखी जा रही है। सरोजनी अग्रवाल से पहले सपा से बुक्कल नवाबए राणा यशवंत सिंह ने इस्तीफा दिया था जबकि बसपा को ठाकुर जयवीर सिंह ने पद से इस्तीफा दे दिया था। इन तीनों एमएलसी ने बाद में भाजपा भी ज्वाइन कर ली थी।
यशवंत, बुक्कल नवाब और ठाकुर जयवीर सिंह का स्थान रिक्त घोषित
विधान परिषद सचिवालय ने तीन एमएलसी सीट को रिक्त घोषित कर दिया है। यह जानकारी प्रमुख सचिव विधान परिषद सचिवालय डा0 मोहन यादव द्वारा जारी अधिसूचना में दी गयी है। उन्होंने बताया किए यशवंत जनपद मऊ के निवासी का उत्तर प्रदेश विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र से सात जुलाई 2016 को उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सदस्य निर्वाचित हुए थे। इसी प्रकार बुक्कल नवाब जनपद लखनऊ भी 07 जुलाई 2016 को उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सदस्य निर्वाचित हुए थे। इन दोनों विधान परिषद सदस्यों ने 29 जुलाई 2017 को विधान परिषद की सदस्यता से त्याग पत्र दे दिया था।
इसी प्रकार ठाकुर जयवीर सिंह जिला अलीगढ़ उत्तर प्रदेश विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र से 06 मई 2012 को उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सदस्य निर्वाचित हुए थे। इन्होंने विधान परिषद की सदस्यता से 29 जुलाई 2017 को त्यागपत्र दे दिया था। उत्तर प्रदेश विधान परिषद की प्रक्रिया तथा कार्य संचालन नियमावली के नियम 233 के अन्तर्गत यशवंतए बुक्कल नवाब तथा ठाकुर जयवीर सिंह का स्थान 29 जुलाई 2017 से रिक्त हो गया है।