स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क
इलाहाबाद। प्रदेश में मवेशियों की स्वास्थ्य सुरक्षा को लेकर सरकार की ओर से तमाम योजनाएं शुरू की जाती हैं। समय-समय पर शासन स्तर से इसके लिए सख्त दिशानिर्देश भी जारी किए जाते हैं, लेकिन कर्मचारियों के अभाव में गाँवों तक योजनाएं नहीं पहुंच पाती हैं।
जिले में पशुधन विभाग में कर्मचारियों की कमी की वजह से टीकाकरण और ग्रामीणों को रोजगार उपलब्ध कराने जैसी योजनाओं का संचालन बेहद धीमी गति से हो रहा है। उपमुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. एके सिंह के अनुसार, इस समय जिले में मवेशियों को गलघोंटू रोग से बचाने के लिए टीकाकरण किया जा रहा है। यह टीकाकरण इसी मौसम में हर साल शुरू किया जाता है। टीकाकरण मई से सितम्बर तक चलाया जाता है।
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चार महीने से चल रहे टीकाकरण अभियान के तहत अभी तक जिले में केवल साढ़े तीन लाख गाय-भैंसों को टीका लगाया जा सका है, जबकि जिले में पालतू गाय-भैंसों की संख्या 12 लाख है। टीकाकरण अभियान की अवधि मात्र दो माह शेष है और साढ़े आठ लाख मवेशियों को अभी गलघोंटू का टीका नहीं लग पाया है। कम समय और अधिक जानवर के सवाल पर डॉ. एके सिंह कहते हैं, “जितने कर्मचारी हैं उतने ही तो काम करेंगे, वे धीरे-धीरे लक्ष्य की ओर बढ़ रहे हैं।”
ये पद चल रहे खाली
जिले में पशुधन प्रसार अधिकारी के कुल 97 पद स्वीकृत हैं और तैनाती 89 की है। आठ पद खाली चल रहे हैं। मुख्य वेटनरी फार्मासिस्ट का एक पद है और वह खाली चल रहा है। इस पद पर किसी की तैनाती नहीं है। वेटनरी फार्मासिस्ट के 48 पद स्वीकृत हैं और 41 पदों पर ही नियुक्ति है। सात पद वेटनरी फार्मासिस्ट के खाली चल रहे हैं।
पूरे जिले में सहायक लेखाकार का एक पद है और वो भी खाली चल रहा है। प्लांट मैकेनिक के दो पद हैं उनमें से एक पद खाली है। एक प्लांट मैकेनिक के भरोसे पूरे जिले में काम चल रहा है। संख्या अधिकारी संगणक के दो पद हैं, जिनमें से एक पद पर ही नियुक्ति है और एक पद खाली है। सबसे अधिक पद चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के खाली हैं। जिले में कुल 135 पद इसके लिए स्वीकृत हैं जिनमें से मात्र 37 पदों पर ही नियुक्ति है पूरे जिले में 98 पद खाली चल रहे हैं। इलाज के बाद मवेशियों को ड्रेसिंग करने के लिए 20 विकास खण्डों वाले जिले में ड्रेसर के कुल 8 पद ही स्वीकृत हैं जिनमे से पांच पद खाली चल रहे हैं।
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मुख्य चिकित्साधिकारी चन्दन सिंह शर्मा ने बताया मौजूदा कर्मचारियों के बीच भरपूर सेवाएं उपलब्ध कराने का प्रयास किया जा रहा है। कर्मचारियों की कमी की वजह से कुछ हद तक काम प्रभावित होता है। इन पदों पर नियुक्ति के लिए शासन को पत्र लिखा जा चुका है।
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