कासगंज हिंसा में अब तक 60 लोग गिरफ्तार, आरोपी के घर से बम और देसी पिस्टल बरामद

Kasganj

लखनऊ। यूपी के कासगंज में गणतंत्र दिवस पर तिरंगा रैली के दौरान शुरू हुई हिंसा रविवार को जारी रही। रविवार सुबह उपद्रवियों ने कासगंज की एक दुकान में आग लगा दी थी। इस मामले में अब तक 60 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इनमें 7 लोगों के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज की गई है।

आज सुबह भी उपद्रवियों ने एक दुकान को आग लगा दी। अभी तक इस मामले में कुल 49 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

रविवार सुबह उपद्रवियों ने कासगंज की एक दुकान में आग लगा दी। हालांकि उत्तर प्रदेश के DGP ओपी सिंह ने बयान जारी कर कहा है कि कासगंज में स्थिति फिलहाल नियंत्रण में है। वहीं, इलाके में जारी तलाशी अभियान के दौरान मुख्य आरोपी के घर से एक देसी पिस्टल और देसी बम बरामद हुआ है। IG संजीव गुप्ता के मुताबिक, इस मामले में अब तक लगभग 60 आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं।

पूरी पुलिस व्यवस्था के बाद भी इस तरह की घटनाएं बड़े सवाल उठा रही हैं। इस पर अलीगढ़ रेंज के कमिश्नर ने कहा कि कर्फ्यू लगाने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि कर्फ्यू वाली स्थिति ही नहीं है। जान-माल का नुकसान ही नहीं है तो कर्फ्यू क्यों लगाया जाये।

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प्रशासन ने बवाल को देखते हुए ऐतिहातन इटरनेट सेवाएं कल शाम तक के लिए बंद कर दी गई हैं। 26 जनवरी को हुई हिंसा में एक युवक की मौत हो गई थी। शनिवार को चंदन के शव के अंतिम संस्कार के बाद एक बार हिंसा भड़क उठी। उपद्रवी वर्ग विशेष की दुकानों को चुन-चुन कर निशाना बनाया गया। इसका आलम ये हुआ कि एक जगह आग लगती जब तक पुलिस और फायरब्रिगेड उसे बुझाते, दूसरी जगह आग लगा दी जाती है।

पुलिस प्रशासन लाख दावे करता रहा है लेकिन उपद्रवी भीड़ उनके सारे दावों को धता बताते हुए आगजनी जारी रखी। कल उपद्रवियों ने कासगंज में 6 दुकानों, 3 बसों और एक घर और कई कारों को निशाना बनाया।

क्या है पूरा मामला?

कासगंज में शुक्रवार को विश्व हिन्दू परिषद और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के लोगों ने तिरंगा यात्रा निकाली। आरोप है कि एक समुदाय विशेष के लोगों ने बाइक पर निकली तिरंगा यात्रा पर पथराव किया जिसके बाद हिंसा भड़क गई। हिंसा में चंदन नाम के युवक की मौत हो गई। कासगंज के जिला अधिकारी आर पी सिंह ने बताया कि तिरंगा यात्रा की कोई परमीशन नही ली गयी थी।

एटा DM ने बताया साजिश

मौके का जायजा लेने पहुंचे एटा के DM आरपी सिंह ने बताया कि अब तक हिंसा फैलाने के आरोप में नामजद 9 लोगों सहित अब तक कुल 50 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। आरपी सिंह ने कहा कि इन सबके पीछे कुछ लोग हैं, हमने उनमें से कुछ की पहचान कर ली है।

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उन्होंने बताया कि रविवार को हुई हिंसा की किसी घटना में एक भी व्यक्ति घायल नहीं हुआ है। उनका कहना है कि इस सबके पीछे साजिश हो सकती है, हालांकि मुझे इस बारे में नहीं मालूम है। इससे पहले कर्फ्यू लगाने और भारी सुरक्षा बलों की तैनाती के बावजूद शनिवार को भी कासगंज हिंसा की आग में जलता रहा। उपद्रवियों ने बसों और कई अन्य वाहनों में आग लगा दी थी।

हालात काबू में होने का दावा

दूसरी ओर एडीजी आनंद कुमार ने शनिवार को दावा किया था कि कासगंज में शुक्रवार के बाद कोई हिंसा नहीं हुई है। किसी के जान का कोई नुकसान नहीं हुआ है। उनका कहना था कि कुछ उपद्रवी तत्वों ने शनिवार को चंदन के दाह संस्कार के बाद एक बस में आग लगाने की कोशिश की। एक झोपड़ी जलाने की कोशिश की। लेकिन इसे कंट्रोल कर लिया गया है। उपद्रवी तत्वों की तरफ से अफवाह फैलाने की कोशिश हुई है। सोशल मीडिया में भी अफवाह फैलाने की कोशिश की गई है, लेकिन इसे सफलतापूर्वक रोका गया है।

हिंसा पर अखिलेश यादव का बयान

कासगंज की घटना पर उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने कहा है कि गणतंत्र दिवस पर ऐसी घटना दुखद व दुर्भाग्यपूर्ण है और दोषियों पर कार्रवाई होनी चाहिए। अखिलेश ने कहा कि सरकार को कासगंज में अमन चैन का माहौल कायम करना चाहिए।

उपद्रवियों ने की आगजनी

वहीं, मृतक की अंत्येष्टि के बाद दूसरे दिन उपद्रवियों ने कई दुकानों में लूट पाट कर आग के हवाले कर दिया है। साथ ही बसों में भी आग लगाई गई है। मौके पर प्रशासनिक आला अधिकारी मौजूद हैं। पुलिस ने लाठीचार्ज कर उपद्रवियों को खदेड़ा है।

शनिवार की सुबह कर्फ्यू में ढील देने की बात से इनकार करते हुए संजीव गुप्ता ने कहा कि जो भी हिंसा फैलाता मौके पर मिलेगा, उसके खिलाफ सख्ती से कार्रवाई होगी. हालांकि वह यह भी कह गए कि अगर कोई खाली स्थान देखकर छोटी गुमटी में आग लगा देता है तो उसके लिए क्या किया जा सकता है.

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