सैकड़ों महिलाएं एकजुट होकर पूर्व माध्यमिक विद्यालयों में स्वच्छ और साफ शौचालय की बात कर रहीं थीं, मौका था ब्रेक थ्रू के राज्य स्तरीय सम्मेलन का जिसमें सात ज़िलों की 400 से भी अधिक महिआलों ने भाग लिया। इस अवसर स्कूलों में शौचालय की इस मुहिम के दौरान उत्कृष्ट काम करने वाली महिलाओं और किशोरियों को सम्मानित भी किया गया।
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इस मौके पर लखनऊ की महापौर संयुक्ता भाटिया ने कहा, “जनसहभागिता से ही हम अपनी बेटियों को स्कूलों में स्वच्छ और साफ शौचालय देकर उनको शिक्षा के लिए प्रेरित कर सकते हैं। हमें खुशी है कि ब्रेकथ्रू ने इस महत्वपूर्ण मुद्दे को उठाया और इतनी बड़ी संख्या में समुदाय की किशोरियों और महिलाओं को इस मुहिम से जोड़ा, बहुत जल्दी लखनऊ में खास तौर से महिलाओं के लिए आपको पिंक टॉयलट देखने को मिलेगें, हमने इस दिशा में एक सुझाव भी दिया है कि इन टॉयलट में अलग से बच्चों को दूध पिलाने के लिए एक फीडिंग रूम और चेजिंग रूम भी बनाया जाए।”
गैर सरकारी संस्था ब्रेकथ्रू द्वारा पूर्व माध्यमिक विद्यालयों में स्वच्छ और साफ शौचालय पर शुरू की गई मुहिम ‘खोल दो ताले’ -नहीं रहेगी शिक्षा से दूरी, स्वच्छ साफ शौचालय जरूरी’ के अन्तर्गत बुधवार को राज्य स्तरीय सम्मेलन में अपने विचार रख रही थी।
इस अवसर पर उन्होंने स्कूलों में शौचालय की इस मुहिम के दौरान उत्कृष्ट काम करने वाली महिलाओं और किशोरियों को सम्मानित भी किया। उन्होंने कहा कि स्कूलों के शौचालय के रखरखाव के लिए एक-एक रूपये का सहयोग या वहां के प्रधान, विधायक व सांसद से सहयोग लिया जा सकता है, हम सभी को मिल कर इस दिशा में कदम उठाने की जरूरत है।
इससे पहले कार्यक्रम की शुरूआत ब्रेकथ्रू के सीनियर डायरेक्टर-इंप्लीमेंटेशन जोशी जोश ने ब्रेकथ्रू के परिचय की साथ की, उन्होंने बताया कि ब्रेकथ्रू लगभग 18 वर्षों से मानवाधिकार और महिला मुद्दों पर काम कर रहा है। वर्तमान में हम महिलाओं से संबधित विभिन्न मुद्दों पर पांच राज्यों में काम कर रहे हैं। उन्होंने खोल तो ताले अभियान में समुदाय की सहभागिता को विशेष रूप से सराहते हुए कहा कि आप लोगों के सहयोग से ही परिवर्तन आएगा, इस मुहिम को अपना समर्थन देते रहें।
महिला एवं बाल कल्याण की निदेशक अलका टंडन भटनागर ने कहा कि सरकार भी इस दिशा में गंभीर है और महिलाओं के सशक्तीकरण के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही है, महिलाओं को आगे आकर इनका लाभ लेना चाहिए।
इस मौके पर ब्रेकथ्रू की राज्य प्रमुख कृति प्रकाश ने बताया कि यह अभियान स्कूलों में किशोरियों के लिए अलग से शौचालय न होने या उनके सक्रिय न होने की वजह से होने वाले ड्राप आउट को ध्यान में रखते हुए शुरू किया गया था। असर 2016 के आंकड़ों के मुताबिक 15-16 आयुवर्ग की लगभग 25 फीसदी लड़कियों के स्कूल छोड़ने का एक प्रमुख कारण स्कूलों में शौचालय का न होना या उनका सक्रिय होना है।
इस अभियान के अन्तर्गत सिद्धार्थनगर, ग़ाजीपुर और जौनपुर के चुने हुए (प्रत्येक जिले से 10) पूर्व माध्यमिक विद्यालयों में समुदाय की महिलाओं और लड़कियों ने जाकर वहां की शौचालय की स्थिति का अवलोकन किया और उसके लिए सामुदायिक स्तरीय अभियान (हाइपर लोकल कैंपेन) ‘खोल दो ताले’- नहीं रहेगी शिक्षा से दूरी, स्वच्छ साफ शौचालय जरूरी’ चलाया है, जिसके उत्साहजनक परिणाम सामने आए हैं।उन्होंने बताया कि चेंज डॉट ओआरजी के सहयोग से चलाई गई ऑन लाइन पीटीशन को भी लोगों का भरपूर समर्थन मिला है और हमारी इस मुहिम का अभी तक सवा लाख से अधिक लोगों ने मिल कॉल देकर अपना समर्थन जताया है।
गोरखपुर, महाराजगंज, सिद्धार्थनगर, जौनपुर, ग़ाजीपुर, वाराणसी और लखनऊ सेनारी संघ और स्वंय सहायता समुह से जुड़ी महिलाओं व किशोरियों के साथ ही लगभग 400 लोग शामिल हुए। इस दौरान जागरुकता के लिए खोल दो ताले नुक्कड़ नाटक भी प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश सरकार, शिक्षा विभाग, महिला व बाल विकास, स्वच्छ भारत मिशन, एनएचएम और उत्तर प्रदेश पुलिस के वरिष्ठ प्रतिनिधि शामिल हुए।