उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने प्रदेश में श्रमिक और कामगार (सेवायोजन और रोजगार) आयोग के गठन को लेकर आखिरकार मंजूरी दे दी है।
प्रदेश सरकार कोरोना संकट के समय में वापस लौटे प्रवासी मजदूरों को प्रदेश में ही रोजगार उपलब्ध कराने का लगातार प्रयास कर रही है। ऐसे में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को एक प्रवासी आयोग के गठन और उसकी रूपरेखा तैयार करने के निर्देश दिए थे। इस आयोग के जरिये उत्तर प्रदेश लौटे मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराने की तैयारी थी।
ऐसे में आज कैबिनेट बैठक के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आयोग के गठन को लेकर हरी झंडी दे दी है। आयोग को लेकर मंजूर किये गए प्रस्ताव के अनुसार इस आयोग का अध्यक्ष स्वयं मुख्यमंत्री या उनकी द्वारा नामित कोई कैबिनेट मंत्री होगा।
प्रदेश सरकार का मानना है कि इस आयोग के गठन से श्रमिकों और कामगारों की आर्थिक और सामाजिक सुरक्षा हो सकेगी। योगी सरकार ने लॉकडाउन के दौरान प्रदेश में लौटे 35 लाख प्रवासी मजदूरों की स्किल मैपिंग करने के आदेश दिए थे ताकि मजदूरों की योग्यता और कौशल के अनुरूप उन्हें रोजगार उपलब्ध कराया जा सके। अब इस आयोग के गठन से मजदूरों को रोजगार देने में और तेजी आ सकेगी।
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CM ने श्रमिक और कामगारों के लिए कार्ययोजना बनाने का जो निर्देश दिया था उसपर आज कैबिनेट में चर्चा हुई। कैबिनेट में आज कामगार और श्रमिक सेवायोजन एवं रोजगार आयोग का गठन हुआ : अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी pic.twitter.com/HEEqSbEnOx
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 16, 2020
आयोग के गठन के साथ प्रदेश स्तर पर बोर्ड और जिला स्तर पर अलग-अलग समितियां होंगी। कैबिनेट बैठक के बाद उत्तर प्रदेश के एमएसएमई मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने पत्रकारों को बताया कि आयोग के राज्य स्तरीय बोर्ड की अध्यक्षता प्रदेश के औद्योगिक विकास आयुक्त करेंगे और इस बोर्ड में 14 सदस्य इनकी सहायता करेंगे। जबकि जिला स्तर पर समिति की अध्यक्षता जिलाधिकारी करेंगे और जिलाधिकारी 19 सदस्यों को शामिल करेंगे।
उन्होंने बताया कि जिलाधिकारी हर सप्ताह सम्बंधित मंत्रियों को प्रगति रिपोर्ट को लेकर अपडेट देते रहेंगे। इस आयोग के जरिये सरकार मजदूरों को लाभकारी रोजगार प्रदान करने के साथ-साथ उनके हितों की रक्षा के लिए सभी कदम उठाएगी।