कन्नौज। पहली जुलाई से उत्तर प्रदेश के सभी परिषदीय स्कूल खुल जाएंगे। कोरोना संक्रमण की वजह से छात्र-छात्राओं को तो नहीं बुलाया जाएगा, लेकिन सभी टीचर स्कूल जरूर पहुंचेंगे। इस बार बच्चों के अभिभावकों को विद्यालय बुलाकर नि:शुल्क किताबें बांटी जाएंगी। कई जिलों में पुस्तकें आ भी गई हैं।
यूपी के बेसिक शिक्षा विभाग के निदेशक डॉ. सर्वेंद्र विक्रम बहादुर सिंह ने सभी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को भेजे पत्र में कहा है कि ब्लॉक संसाधन केंद्रों पर सुबह और दोपहर दोनों ही पालियों में पांच-पांच टीचरों की ड्यूटी लगाई जाएगी। वह विभागीय योजनाओं का काम निपटाएंगे।
कोरोना की वजह से बंद चल रहे प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों में मार्च से अब तक 76 दिनों के मिड डे-मील का रुपया छात्र-छात्राओं के अभिभावकों के बैंक खातों में भेजने का डॉटा कम्प्यूटर में फीड कराएंगे। साथ ही बीआरसी पर ही प्रेरणा पोर्टल पर भी आंकड़े फीड किए जाएंगे।
निदेशक डॉ. सर्वेंद्र विक्रम बहादुर सिंह ने कहा है कि यू-डायस प्लस का डाटा 31 मई तक सभी को देना था, लेकिन अब तक उसे पूरा नहीं किया गया है। जुलाई में इस काम को भी समाप्त किया जाना है। इस समय विभाग मानव संपदा के पोर्टल पर जोर दे रही है, उसे भी दुरस्त करने को कहा गया है। इसके लिए एक स्कूल की जिम्मेदारी हेड टीचर को दी गई है।
खंड शिक्षा अधिकारी भिजवाएंगे किताबें
डायेक्टर डॉ. सिंह ने कहा है कि पुस्तकें आने के तीन दिन के अंदर सत्यापन कर सम्बंधित ब्लॉकों में भेज दी जाएं। यहां से खंड शिक्षा अधिकारी एनपीआरसी आदि के सहयोग से स्कूलों तक भिजवाएंगे। जब किताबें स्कूल पहुंच जाएं तो हेड टीचर स्कूल के बच्चों के अभिभावकों को छोटे-छोटे समूह में बुलाकर वितरण करें।
यूनिफार्म बांटने का शिक्षकों को मिलेगा प्रशिक्षण
प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों में छात्र-छात्राओं को नि:शुल्क बांटी जाने वाली यूनिफार्म वितरण की प्रक्रिया शुरू करने के आदेश हुए हैं। बीस जुलाई से बीईओ 25-25 शिक्षकों का समूह बनाकर ध्यानाकर्षण, प्रशिक्षण संग्रह व आधारशिला पर आधारित शिक्षक, शिक्षामित्र व अनुदेशकों का ऑनलाइन प्रशिक्षण देंगे। इसके लिए एआरपी को दीक्षा व मिशन प्रेरणा की ई-पाठशाला की जिम्मेदारी दी गई है।
‘शिक्षकों की है जिम्मेदारी’
कन्नौज के बीएसए केके ओझा बताते हैं, “डायरेक्टर का पत्र मिलने के बाद सभी बीईओ को पालन करने के आदेश दिए गए हैं। जुलाई में स्कूल खुलवाए जाएंगे और सरकारी योजनाओं का कार्य पूरा कराया जाएगा। मानव संपदा पोर्टल से ही स्थानांतरण, अवकाश आवेदन, ऑनलाइन निस्तारण, वार्षिक गोपनीय आख्या, वेतन और रिटायर आदि का काम होगा। इसे दुरस्त करना शिक्षकों की जिम्मेदारी है।”