Panchayat election counting कड़ी सुरक्षा के बीच 2 मई को मतगणना: 50-50 के मतपत्रों के बनेंगे बंडल, ये वोट माने जाएंगे निरस्त

2 मई को निर्याणक दिन है। उत्तर प्रदेश के 75 जिलों की 58189 ग्राम पंचायतों में गांव की सरकार चुनी जानी है। मतपेटियों में कैद ग्राम प्रधान, बीडीसी और क्षेत्र पंचायत पद प्रत्याशियों के भाग्य खुलेगा। सुप्रीम कोर्ट ने भी मतगणना की इजाजत दे दी है, लेकिन विजय जुलूस नहीं निकलेगा। इस दौरान कई तरह की वोट अमान्य़ मानी जाएंगी।
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लखनऊ (उत्तर प्रदेश)। उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में निर्याणक घड़ी आ गई है। प्रधानी, बीडीसी और क्षेत्र पंचायत सदस्य के लिये हुए चुनावों के नतीजे आएंगे। करीब 9 करोड़ मतदाता 58189 ग्राम पंचायतों के प्रधान चुनेंगे। चार चरणों में हुए मतदान में करीब 72.72 फीसदी वोट पड़े थे। उत्तर प्रदेश में एक सभी जिलों के लिए 2 मई को मतगणना होगी, जिसके लिए सुप्रीम कोर्ट से भी इजाजत मिल गई है।

उत्तर प्रदेश के सभी जिलों के ब्लॉक मुख्यालयों में मतगणना सुबह आठ बजे से शुरु होगी और आखिरी वोट की गिनती होने तक जारी रहेगी। इस प्रक्रिया 2 दिन से तीन दिन भी लग सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने मतगणना रोकने के लिए दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि मतगणना नहीं रोकी जा सकती लेकिन मतगणना स्थलों के बाहर कर्फ्यू होगा, विजय का जश्न नहीं मनेगा, जुलूल नहीं निकाले जाएंगे। कोविड के बढ़ते संक्रमण और कई मतदान कर्मियों की मौत के बाद मतगणना पर रोक लगाने की मांग हुई थी।

पंचायत चुनाव बैलेट पेपर पर हुए हैं, जिसमें प्रत्याशी अपनी पसंद के उम्मीदवार के सामने मुहर लगाता है। मतगणना कर्मी इन बैलेट बॉक्स (मतपेटी) को उम्मीदवारों के एजेंट के सामने सील तोड़कर बैलेट पेपर निकालेंगे और उनके बंडल बनाएंगे। ग्राम पंचायत सदस्य (वीडीसी), ग्राम प्रधान, क्षेत्र पंचायत सदस्य (बीडीसी) और जिला पंचायत सदस्य (डीडीसी) पद के लिए अलग-अलग गणना प्रपत्र होंगे। गिनती के दौरान 50-50 मतपत्रों की पैकिंग होगी।

मतगणना वाले दिन सुबह आठ से रात आठ बजे तक पहली शिफ्ट, दूसरी शिफ्ट रात आठ से सुबह आठ बजे तक चलेगी। इसमें मतगणनाकर्मी बदल जाएंगे। उसके बाद फिर पहली शिफ्ट के मतगणनाकर्मियों को तीसरी शिफ्ट में बुलाया जाएगा। जरूरी हुआ तो दूसरी शिफ्ट के कर्मी, चौथे में बुलाए जाएंगे।

कन्नौज की मास्टर ट्रेनर स्नेहलता द्विवेदी बताती हैं कि ‘पर्यवेक्षक को मतगणना के दौरान पांच प्रपत्र भरने पड़ेंगे। प्रपत्र 43 में गणना पर्ची रहेगी। प्रपत्र 44 में ग्राम पंचायत सदस्य पद के उम्मीदवारों का ब्यौरा दिया जाएगा। प्रपत्र 45 में प्रधान, प्रपत्र 47 में बीडीसी और 49 में जिला पंचायत सदस्य पद के प्रत्याशियों का लेखा-जोखा रहेगा।’ मास्टर ट्रेनर स्नेहलता द्विवेदी आगे बताती हैं कि ‘प्रपत्रों में प्रत्याशियों का नाम, चुनाव चिह्न, वैध व निरस्त मत, पक्ष में कितने मत और पेटिका में कितने मत आदि का ब्योरा होगा।’

ये वोट हो जाएंगे अमान्य

वो आगे बताती हैं ‘अगर मतपत्र में वोट वाली सील दो प्रत्याशियों के खाने में लगी है, तो उसे निरस्त कर दिया जाएगा। अगर किसी वोटर ने कोई नाम या नम्बर या हस्ताक्षर किए हैं तो भी मत अवैध करार होगा।’

टीम ए वीडीसी व प्रधान और टीम बी बीडीसी और डीडीसी के गिनेंगी मत

कन्नौज की मास्टर ट्रेनर रेनू कमल के मुताबिक मतगणना के लिए दो टेबिलों को एक टेबिल कहा गया है। इसमें टीम एक ग्राम पंचायत सदस्य व प्रधान के मतपत्र गिनेगी, जबकि टीम दो बीडीसी व जिला पंचायत सदस्य पद के मत गिनेंगे।

मास्टर ट्रेनर रेनू कमल बताती हैं, ‘दो टेबल को एक माना जाएगा। इसमें आठ लोग रहेंगे। चार-चार लोगों की दो टीमें बनाई जाएंगी। हर पर्यवेक्षक तीन-तीन मतगणनाकर्मियों की टीम का नेतृत्व करेंगे। दो मई को सुबह सात बजे सभी कर्मियों को मतगणनास्थल पहुंचना होगा। आठ बजे से मतगणना शुरू हो जाएगी।’

मतपेटिका प्रत्याशी और एजेंट के सामने खुलेगी

मतपेटिका को प्रत्याशियों व उनके एजेंटों के सामने खोला जाएगा। उसके बाद मतपत्र टेबल पर निकाले जाएंगे। टीम ए और टीम बी मतपत्रों की छंटनी शुरू कर देंगे। प्रधान व ग्राम पंचायत सदस्य के लिए एक टीम और दूसरी टीम बीडीसी और जिला पंचायत सदस्य के मतपत्र छांटेगी। उसके बाद 50-50 मतपत्रों के बंडल बनेंगे। पर्यवेक्षक का काम पांच तरह के प्रपत्रों को भरना होगा। उसमें किस प्रत्याशी को कितने वोट मिले, उसका ब्यौरा लिखना होगा।

कर्मी करेंगे 12-12 घंटे की ड्यूटी

मतगणना वाले दिन सुबह आठ से रात आठ बजे तक पहली शिफ्ट, दूसरी शिफ्ट रात आठ से सुबह आठ बजे तक चलेगी। इसमें मतगणनाकर्मी बदल जाएंगे। उसके बाद फिर पहली शिफ्ट के मतगणनाकर्मियों को तीसरी शिफ्ट में बुलाया जाएगा। जरूरी हुआ तो दूसरी शिफ्ट के कर्मी, चौथे में बुलाए जाएंगे।

अवैध मतों की डिटेल करनी होगी सार्वजनिक

नियम के मुताबिक मतगणना स्थल पर जब प्रत्याशी और एजेंट आ जाएंगे, तो उनके सामने ही मतपेटिकाओं की सील खोली जाएगी। अवैध मतों का डिटेल अच्छे से सार्वजनिक करनी होगी। संदेह होने पर आरओ और एआरओ से सलाह ली जाएगी। निरस्त मतपत्रों को प्रत्याशियों व एजेंटों को दिखाया जाएगा।

जीत का प्रमाण पत्र मतगणना स्थल पर ही मिलेगा। प्रधान, ग्राम पंचायत सदस्य और क्षेत्र पंचायत सदस्य पद के प्रत्याशियों को आरओ और एआरओ प्रमाण पत्र मौके पर देंगे। दूसरी ओर जिला पंचायत सदस्य पद के विजेता प्रत्याशी को जिला मुख्यालय या जिला पंचायत में प्रमाण पत्र मिलेगा।

4 चरणों में हुए थे चुनाव

कोरोना संक्रमण और नए परिसीमन के चलते पंचायत चुनाव करीब चार महीने की देरी से 15 अप्रैल को शुरु हुए थे। प्रदेश के 75 जिलों की 58189 ग्राम पंचायतों, 826 क्षेत्र पंचायतों और 75 जिला पंचायत पदों के लिए चुनाव हुए हैं। इसके अलावा वार्डों के सदस्यों का भी चुनाव हुआ है। प्रदेश में 12 करोड 25 लाख मतदाता पंचायत चुनाव के लिए रजिस्टर्ड हैं, जिनमें से इस बार 72.72 फीसदी ने वोट दिया है।

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