उत्तर प्रदेश: राशन कार्ड धारकों को गेहूं चावल के साथ ही मोदी-योगी की फोटो वाली पैकिंग में मुफ्त में मिलेगा रिफाइंड, चना व नमक

कोरोना की पहली लहर के दौरान कार्डधारकों को खुला और तौलकर चना दिया गया था, लेकिन इस बार सभी वस्तुएं पैकिंग में हैं। इससे कोटेदार कम भी नहीं दे सकेंगे और समय की भी बचत होगी। न ही मिलावट का डर होगा। पैकिंग में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की फोटो भी छपी है।
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लखनऊ/कन्नौज। उत्तर प्रदेश में पहली बार सभी राशनकार्ड धारकों को गेहूं व चावल के साथ फ्री में रिफाइंड, चना और नमक मिलेगा। यह सब पैकिंग में होगा। पैकिंग की खास बात यह है कि इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की फोटो भी छपी है।

दिसम्बर के पहले चरण के राशन वितरण में ही सूबे के करीब तीन करोड़ 60 लाख राशनकार्ड धारकों को 79527 उचित दर विक्रेताओं यानि कोटेदारों के यहां से लाभ मिलेगा। इसमें पात्र गृहस्थी के तीन करोड़ 19 लाख 28 हजार 108 और अन्त्योदय के 40 लाख 91 हजार 250 कार्डधारक पंजीकृत हैं।

भारत सरकार की ओर से सभी कार्डधारकों को हर महीने प्रति यूनिट यानि कार्ड में लिखे हर व्यक्ति के हिसाब से पांच किलो राशन दिया जाएगा। पहले भी वितरण होता रहा है। इसमें दो किलो चावल और तीन किलो गेहूं शामिल हैं। कभी-कभी गेहूं या चावल भी पांच किलो मिलता है। यूपी सरकार की ओर से पात्र गृहस्थी के कार्डधारकों को प्रति यूनिट पांच किलो गेहूं और चावल दिया जा रहा है। साथ ही अन्त्योदय कार्डधारकों को 35 किलो राशन, जिसमें 15 किलो चावल और 20 किलो गेहूं शामिल है।

कन्नौज के जिला पूर्ति अधिकारी केके गुप्त बताते हैं कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के तहत नियमित खाद्यान्न बांटा जा रहा है। इसमें पात्र गृहस्थी के कार्डधारकों को प्रति यूनिट पांच किलो राशन और अन्त्योदय कार्डधारकों को 35 किलो गेहूं और चावल मिलता है।

उन्होंने आगे बताया कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत सभी राशनकार्डधारकों यानि पात्र गृहस्थी और अन्त्योदय दोनों को ही प्रति यूनिट पांच किलो राशन फ्री में दिया जाता है। सरकार ने दिसम्बर 2021 से मार्च 2022 तक यह योजना फ्री में कर दी है। वैसे सरकार की ओर से दो रुपए प्रति किलो गेहूं और तीन रुपए प्रति किलो चावल दिया जाता है।

जिला पूर्ति अधिकारी केके गुप्त का कहना है कि कन्नौज जिले में तीन लाख 12 हजार 634 कार्डधारकों को लाभ मिलेगा। इसमें 29012 अन्त्योदय कार्डधारक शामिल हैं। आगे बताया कि कृषि उत्पादन आयुक्त और खाद्य आयुक्त की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग 30 नवम्बर को हुई थी, इसमें राशन के साथ ही प्रति कार्ड सभी को एक लीटर रिफाइंड तेल, एक किलो नमक और एक किलो चना भी फ्री में देने की बात बताई गई।

सभी वस्तुएं नेफेड की हैं। फिलहाल राजस्थान के भरतपुर से रिफाइंड आया है। कानपुर से साबुत चना आया है। नमक भी सात दिसम्बर से पहले आ जाएगा। उन्होंने बताया कि कन्नौज में करीब एक लाख पैकेट रिफाइंड के यानि 33 फीसदी माल आ चुका है। 16 फीसदी यानि 51 हजार किलो चना भी आ गया है।

पैकिंग के यह हैं फायदे

कोरोना की पहली लहर के दौरान कार्डधारकों को खुला और तौलकर चना दिया गया था, लेकिन अबकी सभी वस्तुएं पैकिंग में हैं। इससे कोटेदार कम भी नहीं दे सकेंगे और समय की भी बचत होगी। न ही मिलावट का डर होगा। पैकिंग में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की फोटो भी छपी है। तीनों वस्तुओं की पैकिंग का रंग अलग-अलग है। इस पर हर मुश्किल में आपके साथ और सोच ईमानदार काम दमदार स्लोगन भी लिखा है। जिला पूर्ति अधिकारी ने बताया कि खाद्य एवं औषधि प्रशासन की ओर से जांच भी की जा रही है। उसके बाद वितरण होगा।

उन्होंने बताया कि अभी वितरण की तारीख नहीं आई है, लेकिन नौ या 10 दिसम्बर 2021 से वितरण की संभावना है। कोटेदारों के यहां नोडल अधिकारी की ड्यूटी लगा दी गई है। ब्लॉक, तहसील व जिलास्तर पर भी अफसर तैनात रहेंगे। कन्नौज में ही 585 ग्रामीण और 68 नगर क्षेत्र में उचित दर विक्रेता हैं। कुल संख्या 653 है।

कोविड महामारी के दौरान मार्च 2020 में शुरु हुई थी योजना

कोविड-19 महामारी फैलने उपजी स्थितियों में गरीब लोगों को भोजन में दिक्कत न हो इसलिए सरकार ने मार्च 2020 में घोषणा की थी कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के लगभग 80 करोड़ लाभार्थियों को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत प्रति व्यक्ति, प्रति माह के हिसाब से पांच किलोग्राम अतिरिक्त रूप से निःशुल्क अनाज (चावल/गेहूं) दिया जायेगा, जो नियमित मासिक एनएफएसए खाद्यान्न, यानी उनके राशन कार्ड पर नियमित रूप से देय खाद्यान्न से अधिक होगा, ताकि गरीब, जरूरतमंद और जोखिम वाले घरों/लाभार्थियों को आर्थिक संकट के दौरान भूखे न रहना पड़ा। PMGKAY के तहत 4 चरणों में अब तक देश में लगभग 600 लाख मीट्रिक टन का आवंटन किया है, जो लगभग 2.07 लाख करोड़ रुपये की खाद्यान्न सब्सिडी के बराबर है। सरकार के आंकड़ों के मुताबिक योजना के पांचों चरणों में 2.60 लाख करोड़ का खर्च आएगा।

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