टमाटर की फसल से नहींं निकल रही लागत, किसान परेशान 

Farmers

जितेंद्र लोधी, स्वयं कम्यूनिटी जर्नलिस्ट

अलीगढ़। जनपद में टमाटर की खेती करने वाले किसान परेशान हैं। टमाटर की खेती में लागत तो दूर इस बार लगान की रकम निकलना भी दूभर हो गया है। टमाटर के थोक दाम इस वक्त केवल चार रुपए प्रति किलो है। इससे किसान कर्ज में डूब रहे हैं। रही कसर दो दिन से रुक रुक कर पड़ रही बारिश ने पूरी कर दी। बारिश से जहां झुलसा देने वाली गर्मी से राहत मिली वहीं टमाटर की खेती करने वालों के माथे पर चिंता के बल खींच दिए। हालांकि बारिश बाजरा और मक्का की फसल के लिए संजीवनी है।

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जिला अलीगढ के अतरौली तहसील के गांव नगला लोधा निवासी फतेह सिंह पुत्र गोर्वधन सिंह हर साल सब्जी का उत्पादन करते हैं। वह बताते हैं, “टमाटर की खेती हर साल करता हूं, लेकिन जो बुरी गत टमाटर की इस बार हुई है कभी नहीं हुई। इस साल छह बीघा खेत में टमाटर लगाए थे। छह बीघा फसल पर आठ हजार की दवाए आठ हजार का बीज और खाद एवं दो हजार का पानी के अलावा मजदूरी और पट्टा जोड़ दिया जाए तो करीब 50 हजार रुपए खर्च बैठेगा। अभी तक सिर्फ 12 हजार रुपए के टमाटर बेच चुका हूं। खेत में अब करीब एक हजार रुपए का टमाटर और बचा है। मजदूर भी नहीं मिल रहे।”

वहीं इसी गाँव के किसान राजू लोधी (35वर्ष) ने बताया, “किसानों के लिए टमाटर की खेती बेहद ही घाटे की खेती साबित हो रही है। लागत तो दूर मजदूरी और पट्टे की रकम भी नहीं निकल रही। बारिश से बाजरा, मक्का को फायदा है, लेकिन टमाटर को भारी नुकसान हुआ है।

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