स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क
लखनऊ। भिंडी की खेती के लिए अधिक समय तक रहने वाला गर्म व नमी वाला मौसम अच्छा माना जाता है। इस समय उत्तर प्रदेश के मध्य मैदानी क्षेत्रों में गर्मी के साथ-साथ वातावरण में आद्रता बनी हुई है। ऐसे में किसानों के लिए यह समय ग्रीष्मकालीन भिंडी की खेती के लिए बिलकुल अनुकूल है।
मौजूदा समय में भिंडी की खेती को किसानों के लिए लाभदायक बताते हुए चन्द्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, कानपुर के प्रमुख वैज्ञानिक (बागवानी) पीएन कटियार बताते हैं,” फरवरी में किसानों की अगैती भिंडी की फसल अब बाज़ारों में आनी शुरू हो गई है। इसलिए इस समय किसान भिंडी की लेट वराइटी की फसल ले सकते हैं। इसमें भिंडी की (पूसा – सावनी) किस्म की खेती किसानों को अधिक मुनाफा दिला सकती है।”
खेती किसानी से जुड़ी सभी बड़ी खबरों के लिए यहां क्लिक करके इंस्टॉल करें गाँव कनेक्शन एप
कृषि मंत्रालय भारत सरकार के मुताबिक वर्तमान समय में देश में लगभग 62 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में सब्जियों की खेती की जाती है, जिसकी मदद से देश में कुल 900 लाख टन से अधिक सब्जी उत्पादन किया जाता है।भिंडी की खेती सबसे अधिक उत्तर भारत के बिहार और उत्तर प्रदेश में होती है।
ये भी पढ़ें: इस समय इन रोगों से भिंडी की फसल को बचाना है जरूरी
पीएन कटियार आगे बताते हैं,” ग्रीष्मकालीन भिंडी की खेती में यदि मल्चिंग विधी का प्रयोग करें तो फसल की उपज और भी अच्छी होती है। इसके लिए किसान बुवाई के बाद खेत को सूखी घास, पुआल की मदद से ढक दें। इससे फसल तेजी से बढ़ती है।”
ये भी पढ़ें: गन्ने-भिंडी की एक साथ कर रहे खेती, कमा रहे दोहरा लाभ
कृषि विभाग, उत्तर प्रदेश के अधिकारियों के मुताबिक प्रदेश में भिंडी की उपज प्राप्त करने के लिए किसानों को संकर भिंडी की किस्मों की खेती करने पर ज़ोर देना चाहिए। इसमें पूसा ए-4,अर्का अभय,अर्का अनामिका,वर्षा उपहार जैसी भिंडी की किस्में प्रमुख हैं।
ताजा अपडेट के लिए हमारे फेसबुक पेज को लाइक करने के लिए यहां, ट्विटर हैंडल को फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें।