आलू की खेती के लिए उपयुक्त समय, जानिये कौन-कौन सी हैं किस्में

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लखनऊ। आलू को सब्जियों का राजा कहा जाता है। आलू की खेती के लिए यह समय उपयुक्त है क्योंकि आलू के लिए छोटे दिनों की अवस्था की आवश्यकता होती है। भारत के किसी-किसी भाग में तो पूरे वर्ष आलू की खेती की जाती है। आइये आपको बताते हैं कि इस समय आलू की खेती के लिए कौन-कौन सी किस्में हैं।

यह है आलू की किस्में

केंद्रीय आलू अनुसंधान शिमला की ओर से आलू की कई किस्में विकसित की गई हैं, जो इस प्रकार हैं।

कुफरी अलंकार

इस किस्म में फसल 70 दिनों में तैयार हो जाती है मगर यह किस्म पछेती अंगमारी रोग के लिए कुछ हद तक प्रतिरोधी है। यह किस्म भी प्रति हेक्टेयर 200-250 क्विंटल उपज होती है।

कुफरी चंद्र मुखी

आलू की इस किस्म में फसल 80 से 90 दिनों में तैयार हो जाती है और उपज 200 से 250 क्विंटल तक होती है।

कुफरी नवताल जी 2524

आलू की इस किस्म में फसल 75 से 85 दिनों में तैयार हो जाती है। इसमें 200 से 250 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उपज होती है।

कुफरी बहार 3792 ई

इस किस्म में फसल 90 से 110 दिनों में तैयार हो जाती है, जबकि गर्मियों में 100 से 135 दिनों में फसल तैयार होती है।

कुफरी शील मान

आलू की खेती की यह किस्म 100 से 130 दिनों में तैयार होती है, जबकि उपज 250 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक होती है।

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गाँव कनेक्शन।

कुफरी ज्योति

इस किस्म में फसल 80 से 150 दिनों में तैयार हो जाती है। यह किस्म 150 से 250 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उपज देती है।

कुफरी सिंदूरी

इस किस्म से आलू की फसल 120 से 125 दिनों में तैयार हो जाती है और 300 से 400 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उपज होती है।

कुफरी बादशाह

आलू की खेती में इस किस्म में फसल 100 से 130 दिन में तैयार हो जाती है और 250-275 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उपज होती है।

कुफरी देवा

इस किस्म में आलू की फसल 120 से 125 दिनों में तैयार हो जाती है और 300 से 400 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उपज होती है।

कुफरी लालिमा

इस किस्म में फसल सिर्फ 90 से 100 दिन में ही तैयार हो जाती है। यह अगेती झुलसा के लिए मध्यम अवरोधी है।

कुफरी लवकर

इस किस्म में 100 से 120 दिनों में फसल तैयार हो जाती है और 300 से 400 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उपज होती है।

कुफरी स्वर्ण

इस किस्म से फसल 110 दिन में तैयार हो जाती है और उपज 300 क्विंटल प्रति हेक्टेयर होती है।

संकर किस्में

कुफरी जवाहर जेएच 222

इस किस्म में 90 से 110 दिन में फसल तैयार हो जाती है और खेतों में अगेता झुलसा और फोम रोग की यह प्रतिरोधी किस्म है। इसमें 250 से 300 क्विंटल उपज होती है।

ई 4486

135 दिन में तैयार होने वाली फसल की इस किस्म में 250 से 300 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उपज तैयार होती है। यह किस्म हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, गुजरात और मध्य प्रदेश के लिए अधिक उपयोगी है।

आलू की नई किस्में

इसके अलावा आलू की कुछ नयी किस्में भी हैं। इनमें कुफरी चिप्सोना-1, कुफरी चिप्सोना-2, कुफरी गिरिराज और कुफरी आनंद भी शामिल है।

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