भारत एक प्रमुख सब्जी उत्पादक देश है। यहां सब्जियों की खेती पर्वतीय क्षेत्रों से लेकर समुद्र के तटवर्ती भागों तक सफलतापूर्वक की जाती है। सब्जियों के अधिक उत्पादन से जहां हम एक ओर अपने भोजन में आवश्यक पोषक तत्वों की पूर्ति के लिए अधिक सब्जी का प्रयोग कर सकेगें वहीं अतिरिक्त पैदावार से सब्ज़ियों को बेचकर अधिक मुनाफा भी कमा सकेंगे। इस लिए आइये हम आपको एक ऐसी विधि के बारे में बताते हैं जिसके द्वारा आप सब्ज़ियों की खेती करके कई गुना मुनाफा कमा सकते हैं।
सब्ज़ियों की बुवाई के लिए खेत की अच्छी जोताई के बाद गीली भुरभुरी मिट्टी की मेड़ बनाकर उसमें चार-चार इंच की दूरी पर बीज डाल दें। उसके बाद मेड़ को प्लास्टिक से ढक दें। जैसे ही बीज अंकुरित हों, पौदे की जगह पर प्लास्टिक में छेद कर के पौधे बाहर निकाल दें। इस विधि में न तो ज्यादा पानी की जरूरत होती है और न ही ज्यादा लागत आती है। फसल में कीड़े भी नहीं लगते हैं।
इस पद्धति में सिंचाई और उर्वरक की अधिक जरूरत नहीं पड़ती है। पानी में उर्वरक मिलाकर मेड़ों में डाल दिया जाए तो वह हर पौधे की जड़ में पहुंच जाता है। पौधे के ऊपर पानी टपकाकर भी उनकी सिंचाई हो जाती है। प्लास्टिक से ढक दिए जाने के कारण नीचे से उत्पन्न होने वाली वाष्प सहायक साबित होती है।
मेड़ों पर बिछाई गई प्लास्टिक से न तो घास पैदा होती है और न ही कीट पतंग फसल को नष्ट कर पाते हैं। घास प्लास्टिक के नीचे ही रहती है और पेड़ों तक नहीं पहुंच पाती। पौधों को बीमारी व कीटों से बचाने के लिए आर्गेनिक दवा का छिड़काव किया जाता है।
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इस तरीके से खेती करने से किसान की लागत काफी कम हो जाती है, क्योंकि ऐसे में सिंचाई में किसान के अधिक पैसे खर्च नहीं होते, ऊर्वरक भी बहुत कम लगता है और इसके साथ ही फसल में कीड़े नहीं लगते हैं जिससे न सिर्फ पैसे बचते हैं बल्कि उसके साथ ही फसल को नुकसान नहीं होता जिससे अदिक उत्पादन होता है।