पीलीभीत। कस्बा न्यूरिया के पास 35 वर्षीय किसान सुशांत मंडल ने ढाई एकड़ के खेत में तीस हजार रुपये की लागत लगाकर मशरूम उत्पादन का कार्य शुरू किया था। आज उनका मशरूम उत्पादन का कारोबार 35- 40 लाख रुपये तक पहुंच गया। इन्होंने अपने खेत पर करीब 10 झोपड़ीनुमा शेड बनाए हुए हैं। जिसके अंदर मशरूम उत्पादन का कार्य किया जाता है। वहीं मशरूम उत्पादन में 100 लोगों को रोजगार मिला हुआ है।
सुशांत मंडल से बताया, “सीजन में प्रतिदिन 10 से 15 कुंटल मशरूम उत्पादन हो जाता है।” उन्होंने आगे बताया, “मशरूम उत्पादन करने के लिए कैल्शियम, कार्बोनेट, सल्फेट मिट्टी में पाया जाना जरूरी होता है। जो हमारे यहां की मिट्टी में यह तत्व कम मात्रा में पाए जाते हैं। इसलिए मशरुम उत्पादन के लिए मिट्टी बदायूं, शाहजहांपुर जनपदों से मंगानी पड़ती है।”
मशरूम की बिक्री के लिए कोई ऐसा एक मार्केट उपलब्ध नहीं है जहां थोक थोक व्यापारी आते हो। शाहजहांपुर, लखीमपुर, गोला में बेचते हैं। इसका रेट हमें 80-150 रुपये किलो के हिसाब से मिल जाता है।
उन्होंने आगे बताया कि हमारे यहां मशरुम उत्पादन में 100 परिवारों को रोजगार मिला हुआ है। यदि सरकार हमें आर्थिक सहायता उपलब्ध कराएगी तो जो मशरुम उत्पादन हम लोग इस समय कच्ची झोपड़ियों में कर रहे हैं।
यह गर्मियों के सीजन में ना के बराबर हो जाता है इसको हम पक्का एयर कंडीशन भवन बनाकर संचालित कर सकते हैं। मैंने आर्थिक मदद के लिए कई सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाए। जिला उद्योग केंद्र में भी लोन के लिए भी फाइल लगाई। लेकिन मुझे हर जगह निराश ही हाथ लगी।”
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