सिर्फ एक सार्थक पहल से गांव में लोगों को न सिर्फ बिजली मिल सकी, बल्कि किसानों को कोल्ड स्टोरेज भी मिल गया। अब इस गांव के किसानों के साथ-साथ फल-सब्जी विक्रेता भी इस कोल्ड स्टोरेज का फायदा उठाकर बाजार में अच्छी कीमत पा रहे हैं। दूसरी ओर, सरकार ने भी किसानों के लिए पहल करते हुए राज्य में 100 कोल्ड स्टोरेज लगाने के लिए तैयारी की है।
देश के झारखंड राज्य के गुमार जिले का यह गांव है पसंगा गांव। इस गांव में बिजली तो थी, मगर जब ग्रामीणों को जरुरत होती थी, तब बिजली उपलब्ध नहीं रहती थी। इस पर सबसे पहले स्मार्ट पॉवर इंडिया और मिलिंडा संस्था की ओर से गांव में सोलर लाइट लगाने की पहल की गई। गांव में सोलर लाइट लगने से गांव में अब 24 घंटे बिजली उपलब्ध रहने लगी।
पसंगा गांव के रहने वाले ज्वेल ओरोन एक साक्षात्कार में बताते हैं, “सोलर लाइट गांव में लग जाने के बाद हम लोग मिनी कोल्ड स्टोरेज के बारे में सोचे, तब हमें एक ऐसा कोल्ड स्टोरेज के बारे में पता चला जो सोलर पॉवर से चलता था। ऐसे में कोल्ड स्टोरेज लग जाने से सब्जी किसानों को बड़ा फायदा मिल सकता था।“
यह भी पढ़ें: यह उपाय अपनाएं तो किसानों को नहीं फेंकनी पड़ेगी सड़कों पर अपनी उपज
अब उद्यमी के तौर पर गांव में कोल्ड स्टोरेज चला रहे ज्वेल ओरोन आगे बताते हैं, “इसके बाद इकोफ्रास्ट कंपनी से संपर्क किया गया जो सोलर लाइट से चलने वाला कोल्ड स्टोरेज बनाती है और गांव में कोल्ड स्टोरेज लगाने की मांग की गई। जल्द ही हमारे गांव में कोल्ड स्टोरेज भी लग गया और सिर्फ एक महीने के अंदर ही कोल्ड स्टोरेज पूरी तरह फुल हो चुका था। अब न सिर्फ सब्जी किसानों, बल्कि फल-सब्जी विक्रेताओं को भी बहुत फायदा मिल रहा है और वे अपने उपज की सही कीमत पा रहे हैं।“
वहीं, पिछले 18 सालों से पास के बाजार में काम कर रहे फलों के थोक विक्रेता जग्गू कुमार साहू बताते हैं, “सोलर प्लांट से कोल्ड स्टोरेज भी गांव में लग सका और हम लोगों को फायदा पहुंच रहा है। इससे पहले काफी सब्जियां और फल खराब हो जाते थे, मगर अब ऐसा नहीं है। अब हम जो अनार 30 रुपए में बेचते थे, अब उसे दो महीने बाद 60 रुपए में भी बेच रहे हैं। अगर और भी कोल्ड स्टोरेज लगें तो भी किसानों को फायदा होगा।“
यह भी पढ़ें: सूखे इलाकों में पैसे कमाना है तो करें लेमनग्रास की खेती
इकोफ्रास्ट के इस कोल्ड स्टोरेज की एक यूनिट में चार किलोवॉट के सोलर पैनल लगते हैं। सबसे बड़ा फायदा यह भी है कि इसमें 30 घंटे का बैकअप भी होता है। इसके अलावा इस कोल्ड स्टोरेज को कहीं भी ले जाया सकता है और इस पर लगे तमाम सेंसर को मोबाइल के जरिए आसानी से नियंत्रित किया जा सकता है। इतना ही नहीं, एक ऐसा भी मोबाइल ऐप भी तैयार किया गया है, जो किसानों को बाजार की कीमतों की जानकारी उपलब्ध कराता है। कंपनी किसानों को और सहकारी संस्थाओं को इन कोल्ड स्टोरेज को सीधे बेचती भी है।
इस बारे में इकोजेन सॉल्यूशंस के सह संस्थापक विवेक पांडेय ने एक साक्षात्कार में बताया, “इसे खेतों में भी लगाया जा सकता है, ऐसे में फसल कटते ही उसे कोल्ड स्टोरेज में लगने की सहूलियत मिल जाती है। छोटे और सीमांत किसान इन कोल्ड स्टोरेज का इस्तेमाल किराये पर कर सकते हैं, वहीं बड़े किसान इसे खुद चलाकर भी इन कोल्ड स्टोरेज का उपयोग कर रहे हैं।“
यह भी पढ़ें: पश्चिमी यूपी के किसानों को संजीवनी देंगे कृषि विज्ञान केंद्र
दूसरी ओर, झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने भी राज्य में किसानों को कोल्ड स्टोरेज की सुविधा देने के लिए इस वर्ष कृषि बजट में 100 कोल्ड स्टोरेज खोलने का प्रस्ताव रखा है। इसके पहले चरण में मुख्यमंत्री ने हाल में ही मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक में 25 कोल्ड स्टोरेज खोले जाने के आदेश दिए हैं।
यह भी पढ़ें: ‘प्रमाणित फॉर्म सलाहकार’ कार्यक्रम शुरू, आप भी ऐसे कर सकते हैं आवेदन
मिड-डे मील में शामिल होंगे मोटे अनाज, किसानों को मिल सकता है कमाई का नया जरिया
डबलिंग इनकम : खस के साथ बथुआ या इकौना की खेती कर किसान बढ़ा सकते हैं आमदनी