लखनऊ। मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में हार देखने के बाद उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने किसानों के हित में पहला फैसला ले लिया है। प्रदेश सरकार ने हाइब्रिड धान की रिकवरी में तीन फीसदी की छूट देने का ऐलान कर दिया है। प्रदेश के किसानों को हाइब्रिड धान बेचने में बहुत सी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। किसान एमएसपी की दर पर फसल नहीं बेच पा रहे थे। गांव कनेक्शन ने इस खबर को प्रमुखता से उठाया था।
शनिवार को उत्तर प्रदेश सरकार ने एक विज्ञप्ति जारी करके बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार ने तत्तकाल प्रभाव से हाइब्रिड धान से रिकवरी 3 फीसदी घटाकर 67 फीसदी से 64 फीसदी कर दिया है।
हालांकि धान की कुटाई करने के बाद राइस मिलर्स को भारतीय खाद्य निगम के गोदाम में 67 फीसदी चावल जमा करना होगा। तीन फीसदी अंतर की भरपाई राज्य सरकार करेगी। इस पर 88.15 रुपये प्रति कुंटल की दर से कुल 123.41 करोड़ का खर्च आएगा। इससे किसान अपना धान क्रय केंद्रों पर सुविधा से बेच सकेंगे व समर्थन मूल्य का पूरा लाभ ले सकेंगे।
ये भी पढ़ें- एमएसपी पर धान क्यों नहीं बेच पा रहे किसान, यह भी है एक बड़ी वजह
इस साल उत्तर प्रदेश में एक अक्टूबर से और कुछ हिस्सों में एक नवंबर से धान की खरीदी धान खरीद केंद्रों पर शुरू हुई थी। लेकिन खरीद शुरू होते ही केंद्रों के कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर चले गये थे जिस कारण किसाना अपना धान नहीं बेच पा रहे थे। कुछ जगहों पर तो किसानों ने प्रदर्शन भी किया।
कर्मचारियों की हड़ताल शुरू हुई तो मिलर्स हड़ताल पर चले गये। मिलर्स लगातार चावल रिकवरी घटाने की मांग करते रहे हैं, इसके लिए उन्होंने लखनऊ में एक दिन सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया था। इसके बाद सरकार ने इस पर विचार करने का समय मांगा था।
यह भी पढ़ें- यूपी: गले की फांस बना हाइब्रिड धान, रिकवरी घटाने की मांग को लेकर मिलर्स ने बंद की कुटाई
मिलर्स का आरोप था सरकार हाइब्रिड धान को बढ़ावा दे रही है, जबकि यह टूटता बहुत ज्यादा है और इससे रिकवरी कम आता है। इस बारे में राइस मिलर्स एसोसिएशन के उपाध्यक्ष रवि तिवारी कहते हैं “सरकार हमेसे 67 फीसदी रिकवरी ले रही थी जबकि ब्रोकेन राइस को निकालकर 58 से 60 फीसदी तक ही चावल निकल पाता है। बाकी की भरपाई हमें करनी पड़ती थी।”
केंद्र सरकार ने इसी साल धान (सामान्य किस्म) का न्यूनतम समर्थन मूल्य 200 रुपए बढ़ाकर 1,750 रुपए प्रति कुंतल और धान (ग्रेड ए) का न्यूनतम समर्थन मूल्य 160 रुपए बढ़ाकर 1,750 रुपए प्रति कुंतल कर दिया था। वहीं उत्तर प्रदेश सरकार ने इस साल 50 लाख मीट्रिक टन धान खरीद का लक्ष्य रखा है।
उत्तर प्रदेश राइस मिलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष उमेश आगे कहते हैं, “भारतीय खाद्य निगम के मानक के अनुसार धान की रिकवरी करीब 52-55 प्रतिशत तक आती है। सब मिलाकर करीब 58 से 60 फीसदी पहुंच जाती है। लेकिन सरकार मिलर्स से 67 प्रतिशत धान की रिकवरी करती है। इस हिसाब से मिलर्स को हर साल 12 प्रतिशत का नुकसान हो रहा था। तीन फीसदी रिकवरी घटाने से बहुत ज्यादा फायदा तो नहीं होगा लेकिन थोड़ी राहत जरूर मिलेगी।