जहां पूरी दुनिया कोरोना वायरस के प्रकोप से जूझ रही है, वहीं उत्तर प्रदेश का एक गांव चिकन पॉक्स की बीमारी से बुरी तरह जूझ रहा है। उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले के 400 आबादी वाले बड़के पुरवा गांव में लगभग हर घर में चिकन पॉक्स के एक मरीज हैं। मरीजों की संख्या लगभग 70 है, जिसमें से अधिकतर बच्चे हैं। गांव वालों का आरोप है कि बीते एक महीने से चिकन पॉक्स से प्रभावित होने के बावजूद स्वास्थ्य विभाग की कोई भी टीम गांव तक नहीं पहुंची है।
राजधानी लखनऊ से सटे जिले बाराबंकी से 38 किलोमीटर उत्तर दिशा में स्थित इस गांव में करीब एक महीना पहले एक व्यक्ति के चिकन पॉक्स हुआ था। देखते-देखते पूरे गांव में एक के बाद एक बीमार होता चला गया। अब आलम यह है कि लगभग प्रत्येक घर में कोई ना कोई चिकन पॉक्स की चपेट में है। गांव में फैली गंदगी और चिकित्सकों की लापरवाही से यह संक्रमण लगातार फैल रहा है।
इस गांव के निवासी शिवम बताते हैं, “पूरे गांव में कई दर्जन लोग इस बीमारी से जूझ रहे हैं लेकिन आज तक कोई स्वास्थ्य टीम गांव तक नहीं पहुंची है। इसके अलवा कोरोना वायरस के चलते नजदीकी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर भी ओपीडी की कोई व्यवस्था नहीं है, जहां से इलाज कराया जा सके। कोरोना वायरस की महामारी और लॉकडाउन के चलते स्थानीय स्तर पर बैठने वाले प्राइवेट डॉक्टर भी उपलब्ध नहीं हैं।”
गांव वालों का यह भी कहना है कि गांव के सफाई कर्मी महीनों गांव की सफाई करने नहीं आते हैं। ऐसे में गलियों में जहां-तहां कूड़े के ढेर लगे हुए हैं और नालियां बजबजा रही हैं। कई जगहों पर जलभराव होने के कारण मच्छरों की पैदावार भी बढ़ी हुई है। गांव में ब्लीचिंग पाउडर या फिर एंटी लार्वा का छिड़काव नहीं किया गया है।
गांव कनेक्शन ने जब इस संबंध में फतेहपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अधीक्षक डा. ए.के. वर्मा से बात की तो उन्होंने कहा, “हमें कल रात में ही इस बात की खबर मिली है और सुबह ही एक टीम को गांव में भेजा गया है। स्वास्थ्य विभाग स्थिति पर नजर रखे हुए है।”
सफाई व्यवस्था के बारे में गांव के प्रधान देशराज वर्मा ने बताया, “हमारी ग्राम पंचायत में 3 छोटे-छोटे गांवों और करीब ढाई हजार की आबादी पर सिर्फ एक सफाई कर्मी है। उससे जो कुछ बन पड़ता है, वह करता है। सफाई कर्मी रोज आता है लेकिन कहीं तीन-चार दिन बाद एक गांव से दूसरे गांव में जाना होता है।”
यह पूछने पर कि आपकी ग्राम पंचायत में चिकन पॉक्स जैसी बीमारी पैर पसार रही थी तो उस वक्त क्या आपने किसी दवा वगैरह का छिड़काव कराया था तो इका वह जवाब नहीं दे पाएं और फोन रख दिया।
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