उत्तर प्रदेश के कन्नौज जिले में एक कोरोना संक्रमित युवती ने आत्महत्या करने का प्रयास किया। जांच के छठवें दिन कोरोना प़ॉजिटिव रिपोर्ट आने के बाद युवती ने क्वारंटीन सेंटर की दो मंजिला भवन पर चढ़कर जान देने का प्रयास किया। युवती ने डॉक्टर व स्वास्थ्य कर्मियों को भी खरीखोटी सुनाई और कहा कि ‘उसे न तो खांसी आ रही है और न ही बुखार या जुखाम है, उसे कोई बीमारी नहीं है, इसलिए वह एंबुलेंस से अस्पताल नहीं जाएगी। उसे नहीं डॉक्टर को ही कोरोना हो गया है।’
कन्नौज जिला मुख्यालय से करीब सात किलोमीटर दूर उत्तर दिशा मानीमऊ स्थित क्वारंटीन सेंटर पर आठ जुलाई को एक ही परिवार के चार सदस्य कोरोना संदिग्ध होने पर भर्ती हुए थे। सभी कन्नौज से करीब 50 किमी दूर तहसील छिबरामऊ एरिया के रहने वाले हैं। इस सेंटर पर कोरोना संदिग्ध या पॉजिटिव के परिजन या संपर्क में आए लोग रखे जाते हैं।
सोमवार को कोविड-19 की जांच रिपोर्ट आने के बाद छिबरामऊ की निवासी 18 वर्षीय युवती ने जमकर उत्पात मचाया और अस्पताल जाने से इनकार करने लगी। हालांकि उसकी मां, बड़ा भाई और छोटी बहन कोरोना निगेटिव निकली। युवती को मानीमऊ से कनपटियापुर के अस्पताल में भर्ती करने के लिए जब एंबुलेंस पहुंची तो उसने जाने से मना कर दिया। वह दो मंजिला भवन पर चढ़ गई और कूदने के लिए पैर भी लटका दिए।
यह देखकर वहां तैनात स्वास्थ्य कर्मियों और डॉक्टरों के हाथ-पैर फूल गए। युवती बोली, वह खुद मर जाएगी या डॉक्टर को मार डालेगी, लेकिन अस्पताल नहीं जाएगी। समझा-बुझाकर किसी तरह उसे नीचे उतारा गया, लेकिन इस बीच युवती ने कमरे की खिड़की का शीशा तोड़ दिया। इसके बाद वह शीशा दिखाकर दूसरों को डराने लगी और खुद को भी नुकसान पहुंचाने की कोशिश की।
डेढ़ घंटे तक किया परेशान
क्वारंटीन सेंटर पर तैनात डॉ. वरुण सिंह कटियार ने कोरोना पॉजिटिव युवती को समझाया, लेकिन वह नहीं मानी। मना करने के बाद भी वह इधर-उधर घूमी और थूका भी। डॉ. कटियार करीब डेढ़ घंटे की मशक्कत के बाद उसे मना पाए, तब कहीं जानकार एंबुलेंस से घर भेजा गया। बताया गया है कि आठ जुलाई से चारो सदस्य मानीमऊ में शिफ्ट थे।
डॉक्टर ने सीएमओ को दी सूचना
कोरोना पॉजिटिव युवती ने जब उत्पात मचाना शुरू किया तो वायरस न फैले और कोई अनहोनी न हो, इसलिए डॉ. वरुण सिंह कटियार ने इसकी जानकारी सीएमओ डॉ. कृष्ण स्वरूप को दी। बाद में पुलिस को भी जानकारी दी गई और सुरक्षाकर्मी पहुंचे।
मानीमऊ सेंटर पर युवती खूब इधर-उधर घूमी, परिजनों की भी जल्द बात नहीं मानी। कोरोना पॉजिटिव होने की वजह से सभी स्थानों व भवन को सैनेटाइज कराया गया। संक्रमण की पुष्टि होने पर मरीज को कोविड-19 वार्ड में इसलिए भर्ती किया जाता है कि वायरस खत्म हो जाए और दूसरे को न फैले। युवती के हित में होने के बाद भी उसने सबको खूब खरीखोटी सुनाई।
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