मानसून के तीन हफ्तों में बिहार में सामान्य से 171% अधिक बारिश; भारत में कुल 37% अधिक बारिश

मौसम विभाग के मुताबिक 1 जून से 21 जून के बीच की अवधि में देश में 37 फीसदी अधिक बारिश हुई है। इस दौरान, 100.5 मिलीमीटर की सामान्य बारिश के मुकाबले 137.8 मिलीमीटर बारिश हुई है। इस अवधि में बिहार में सामान्य से 171% अधिक बारिश हुई है, वहीं उत्तर प्रदेश में 158% बारिश हुई है।
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भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार दक्षिण-पश्चिम मानसून के तीन सप्ताह पूरे हो गए हैं और भारत में इस दौरान सामान्य से 37 फीसदी अधिक बारिश हुई है। मौसम विभाग ने बताया कि 1 जून से 21 जून के बीच की अवधि में देश में 100.5 मिलीमीटर की सामान्य बारिश के मुकाबले 137.8 मिलीमीटर बारिश हुई है।

इस दौरान, देश के सभी इलाकों में अच्छी बारिश हुई है। उत्तर-पश्चिमी भारत में सबसे अधिक 76 प्रतिशत वर्षा दर्ज की गई है, इसके बाद मध्य भारत में 58 प्रतिशत, दक्षिण प्रायद्वीप में 24 प्रतिशत और पूर्वी व पूर्वोत्तर भारत में 13 प्रतिशत वर्षा दर्ज की गई है।

इस बीच, मौसम विभाग के अनुसार राजस्थान, दिल्ली, हरियाणा और पंजाब के कुछ इलाकों को छोड दिया जाए तो दक्षिण-पश्चिमी मानसून की वजह से अब तक देश के अधिकांश हिस्सों में अच्छी बारिश हुई है।

आईएमडी ने 22 जून को जारी अपने बयान में कहा है कि अगले सात दिनों में, मध्य, प्रायद्वीपीय और उत्तर-पश्चिम भारत में कमजोर मानसून होगा, लेकिन इसके विपरीत पूर्वोत्तर भारत में ज्यादा बारिश होगी।

बिहार में 171% अधिक वर्षा

मौसम विभाग के बारिश के आंकड़ों के मुताबिक, 1 जून से 22 जून के बीच देश के कुल 694 जिलों में से 260 जिलों में ‘बहुत अधिक’ बारिश हुई है जबकि 133 जिलों में ‘अधिक’ बारिश हुई है। (तालिका देखें)

Source: IMD

किसी इलाके में 60 प्रतिशत या इससे अधिक वर्षा होने पर उसे ‘बहुत अधिक’ वर्षा वाली श्रेणी के अंतर्गत शामिल किया जाता है। ‘अधिक’ बारिश के तहत 20 प्रतिशत से 59 प्रतिशत तक वर्षा वाले क्षेत्रों को शामिल किया जाता है। इसी तरह, माइनस 59 प्रतिशत से माइनस 20 प्रतिशत तक बारिश होने पर इसे कम वर्षा वाली श्रेणी में लिया जाता है।

मौसम विभाग के अनुसार पश्चिम बंगाल के कुल 19 जिलों में से 11 में ‘बहुत अधिक’ बारिश हुई है। इसी तरह दक्षिण-पश्चिम मानसून के पहले तीन हफ्तों में बिहार के कुल 38 जिलों में से 31 और उत्तर प्रदेश के कुल 75 जिलों में से 51 में ‘बहुत अधिक’ बारिश हुई है।

राज्य-वार वर्षा के आंकड़ों से पता चलता है कि बिहार में 1 जून से 22 जून के बीच सामान्य से 171 प्रतिशत अधिक बारिश हुई है। बिहार में समान्य तौर पर इस अवधि में 99.3 मिमी वर्षा होती है, लेकिन इस बार यह आंकड़ा बढ़कर 269.3 मिमी तक पहुंच गया है। (मानचित्र देखें)

Source: IMD

बिहार इस साल पहले ही बाढ़ की चपेट में आ गया है। 17 जून को, गांव कनेक्शन ने बताया था कि कैसे भारत-नेपाल सीमा से लगे गांवों में अचानक बाढ़ आ गई और इसकी वजह से भारी नुकसान हुआ।

उत्तर प्रदेश में सामान्य से 158% अधिक बारिश

इसी तरह, उत्तर प्रदेश में भी सामान्य से 158 प्रतिशत अधिक बारिश हुई है। सामान्य तौर पर 49.5 मिमी बारिश के मुकाबले राज्य में अब तक 127.8 मिमी बारिश हो चुकी है।

उत्तराखंड में पिछेले हफ्ते ही बाढ़ जैसी स्थिति थी। वहां भी अब तक 128 फीसदी बारिश हुई है। 21 जून को गाँव कनेक्शन ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि कैसे एक सप्ताह से अधिक समय से, हिमालयी राज्य उत्तराखंड लगातार बारिश की चपेट में है। यहां अधिकांश जिलों में ‘बहुत अधिक’ श्रेणी में बारिश दर्ज की गई है। भूस्खलन की वजह से कई गांवों से संपर्क टूट गए हैं, सड़क ध्वस्त हो जाने की वजह से यहां आवागमन पूरी तरह अवरुद्ध हो गया है।

मौसम विभाग के अनुसार, इसके अलावा हरियाणा, झारखंड, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और तेलंगाना जैसे राज्यों में भी बहुत “अधिक बारिश” हुई है।

बिहार के पश्चिमी चंपारण में बाढ़।

इस बीच, 1 जून से 22 जून के दौरान 10 राज्यों में ‘अधिक’ बारिश हुई है। इनमें हिमाचल प्रदेश, पंजाब, राजस्थान, गुजरात, गोवा, कर्नाटक, तमिलनाडु, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल और सिक्किम शामिल हैं।

पूर्वोत्तर भारत में हुई है कम वर्षा

देश के एक बड़े हिस्से में या तो ‘बहुत अधिक’ या ‘अधिक’ वर्षा हुई है, तो वहीं कुछ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में कम वर्षा दर्ज की गई है।

मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार, मणिपुर में माइनस 58 फीसदी, मेघालय में माइनस 44 फीसदी, त्रिपुरा में माइनस 34 फीसदी, अरुणाचल प्रदेश में माइनस 28 फीसदी, जम्मू-कश्मीर में माइनस 31 फीसदी और केरल में माइनस 21 फीसदी वर्षा हुई है।

आईएमडी के पूर्वानुमान के अनुसार, आने वाले एक सप्ताह में पूर्वोत्तर क्षेत्र में बारिश की गतिविधि तेज होने की उम्मीद है।

टूटे कई सालों-दशकों के रिकॉर्ड

इस बीच, पिछले महीने यानी मई 2021 में इतनी बारिश हुई है कि इसने कई सालों-दशकों के रिकॉर्ड तोड़ दिए। मौसम विभाग के अनुसार इस साल मई माह सर्वाधिक बारिश के मामले में पिछले 121 साल में दूसरे नंबर पर रहा।

10 जून को जारी अपनी मासिक रिपोर्ट में मौसम विभाग ने कहा था कि इस साल मई के महीने में 121 साल की अवधि में दूसरी सबसे ज्यादा बारिश दर्ज की गई है।

आईएमडी ने रिकॉर्ड वर्षा के लिए दो लगातार चक्रवातों (यास और तौकते) और पश्चिमी विक्षोभ को जिम्मेदार ठहराया है।

Source: IMD

आईएमडी ने मई के अपने मासिक रिपोर्ट में कहा, “साल 1901 के बाद मई महीने में भारत में दूसरी सबसे अधिक वर्षा हुई है। इसके पहले वर्ष 1990 (110.7 मिमी) में सबसे अधिक वर्षा हुई।”

पिछले महीने अधिक वर्षा की वजह से देश के कई राज्यों के किसानों की फसल बर्बाद हुई है।

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