भारत में मॉडर्ना की वैक्सीन को मिली आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी

देश में कोवैक्सीन, कोविशील्ड, स्पुतनिकवी के बाद अब मॉडर्ना कंपनी की वैक्सीन को मंजूरी मिल गई है।
Moderna

कोविड-19 महामारी की इस लड़ाई में देश में जल्द ही एक और वैक्सीन की मदद ली जाएगी। इस तरह से देश में चार तरह की वैक्सीन के आ जाने से टीकाकरण अभियान में तेजी आएगी।

नीति आयोग के सदस्य डॉ वीके पॉल ने कहा कि मॉडर्ना की वैक्सीन को आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी दी गई है।

डॉ. वीके पॉल ने आगे कहा कि देश में अब कोरोना के खिलाफ चार वैक्सीन कोवैक्सिन, कोविशील्ड, स्पुतनिकवी और मॉडर्ना को मंजूरी दी जा चुकी है। हम जल्द ही फाइजर को भी भारत में आपातकालीन इस्तेमाल के मंजूरी देने वाले हैं। ये चारों वैक्सीन सुरक्षित हैं। ये स्तनपान करने वाली महिलाएं भी ले सकती हैं। इनका नपुंसकता से कोई संबंध नहीं है। टीकाकरण के संबंध में गर्भवती महिलाओं के लिए एडवाइजरी शीघ्र जारी की जाएगी। गर्भवती महिलाओं के लिए वैक्सीन सुरक्षित है, और स्वास्थ्य मंत्रालय इसकी आगे जांच कर रहा है।

मुंबई स्थित फार्मा कंपनी सिप्ला ने भी मॉडर्ना वैक्सीन के इम्पोर्ट और बिक्री के लिए मंजूरी मांगी थी। इसके बाद ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने सिप्ला को मंजूरी दे दी है।

अभी तक देश में कोवैक्सीन, कोविशील्ड, स्पुतनिक-वी जैसी तीन वैक्सीन लगायी जा रही थीं, अब मॉडर्ना के आ जाने से चार वैक्सीन लगेंगी।

मॉडर्ना की कोरोना वैक्‍सीन की दो खुराक के बीच 28 दिनों से 42 दिनों का अंतराल जरूरी है। हालांकि, कुछ देशों ने अपने यहां पर वैक्‍सीन की कमी और अधिक से अधिक लोगों को वैक्‍सीन देने के मकसद से इसकी खुराक में 12 सप्‍ताह का अंतर भी किया है। इस वैक्‍सीन को यूरोपीय संघ, अमेरिका और स्विटजरलैंड इस्‍तेमाल की इजाजत दे चुका है।

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