पिछले कुछ वर्षों में मधुमक्खी पालन की तरफ लोगों का रुझान तेजी से बढ़ा है, लेकिन शहद की जांच के लिए प्रयोगशालाओं की कमी के चलते उन्हें परेशानी उठानी पड़ती है। ऐेसे में विश्व मधुमक्खी दिवस पर 5 राज्यों में शहद परीक्षण की 7 प्रयोगशालाओं और प्रसंस्करण इकाइयों का उद्घाटन किया गया।
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की उपस्थिति में गुजरात में विश्व मधुमक्खी दिवस मनाया गया। कृषि मंत्री ने समारोह स्थल पर एक प्रदर्शनी के साथ गुजरात से वर्चुअल माध्यम के जरिए जम्मू कश्मीर के पुलवामा, बांदीपुरा और जम्मू, कर्नाटक के तुमकुर, उत्तर प्रदेश के सहारनपुर, पुणे में महाराष्ट्र और उत्तराखंड में शहद परीक्षण प्रयोगशालाओं और प्रसंस्करण इकाइयों का उद्घाटन किया।
“विश्व मधुमक्खी दिवस” के अवसर पर आज देश के 5 राज्यों में 6 शहद परीक्षण प्रयोगशालाओं और 01 शहद प्रसंस्करण इकाई का शुभारंभ किया…
इस अवसर पर राष्ट्रीय मधुमक्खी बोर्ड द्वारा तैयार की गई एक पुस्तक का भी विमोचन किया…#WorldBeeDay #HoneyBahuguni_WorldBeeDay2022 #AmritMahotsav pic.twitter.com/FmeuYMXv7A
— Narendra Singh Tomar (@nstomar) May 20, 2022
कृषि मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री का लक्ष्य छोटे किसानों को सशक्त बनाना है। भारत की लगभग 55 प्रतिशत जनसंख्या ग्रामीण है और देश तभी आगे बढ़ेगा जब ग्रामीण आबादी आगे बढ़ेगी। केंद्र द्वारा वित्त पोषित योजना, ‘राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन और शहद मिशन’ का उद्देश्य क्षेत्रीय स्तर पर 5 बड़ी और 100 छोटी शहद और अन्य मधुमक्खी उत्पाद परीक्षण प्रयोगशालाएं स्थापित करना है, जिनमें से 3 विश्व स्तरीय अत्याधुनिक प्रयोगशालाएं स्थापित की गई हैं, जबकि 25 छोटी प्रयोगशालाओं को स्थापित करने की प्रक्रिया चल रही हैं।”
उन्होंने आगे कहा कि भारत सरकार प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना के लिए भी सहायता प्रदान कर रही है। देश में 1.25 लाख मीट्रिक टन से अधिक शहद का उत्पादन किया जा रहा है, जिसमें से 60 हजार मीट्रिक टन से अधिक प्राकृतिक शहद का निर्यात किया जाता है। विश्व बाजार को आकर्षित करने के लिए देश में उत्पादित शहद की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए, भारत सरकार और राज्य सरकारें वैज्ञानिक तकनीकों को अपनाकर शहद के उत्पादन के लिए मधुमक्खी पालकों की क्षमता निर्माण पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं।