CM अखिलेश यादव ने शिक्षक, वैज्ञानिक और विद्वानों को किया सम्मानित

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लखनऊ। शिक्षकों और भाषा के विद्दानों को सम्मानित करते हुए मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा, ”समाजवादी अच्छा काम करने वालों को हमेशा सम्मानित करती रही है। सम्मान और पुरस्कार से लोगों में कठिन परिश्रम और लगातार कोशिश करते रहने की प्रेरणा मिलती है।”

मुख्यमंत्री शनिवार को अपने सरकारी आवास पर उच्च शिक्षा, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी तथा भाषा विज्ञान की ओर से आयोजित शिक्षक, वैज्ञानिक एवं विद्वत सम्मान समारोह में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। इस मौक़े पर उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों के कुल 56 शिक्षक, वैज्ञानिक और सांस्कृत भाषा के विद्वान शामिल हैं। प्रदेश का सर्वोच्च विज्ञान गौरव सम्मान केजीएमयू के पल्मोनरी मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डॉ सूर्यकांत को दिया गया। इस अवसर पर उन्होंने सूबे के पांच शिक्षकों को भी सम्मानित किया।

राजधानी के पांच कालिदास मार्ग पर मुख्यमंत्री के सरकारी आवास पर आयोजित कार्यक्रम में केजीएमयू के ही पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग के अध्यक्ष डॉ एसएन कुरील, और सर्जिकल गेस्ट्रोएंट्रालाजी के विभागाध्यक्ष डॉ अभिजीत चंद्रा और एनईआर हास्पिटल के यूरोलाजिस्ट डा सलिल टंडन को विज्ञान रत्न के सम्मान से नवाजा गया। ये सभी सम्मान वर्ष 2013-14 के लिए दिये गये।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली प्रदेश सरकार द्वारा बंद किए गए उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान के विभिन्न सम्मानों को समाजवादी सरकार ने दोबारा शुरू कराया। इसी तरह उर्दू और संस्कृत से जुड़े पुरस्कारों को भी शुरू किया गया। नेताजी (मुलायम सिंह यादव) द्वारा शुरू किया गया यश भारती पुरस्कार भी पिछली राज्य सरकार ने बंद कर दिया था। इस प्रतिष्ठित सम्मान को भी वर्तमान समाजवादी सरकार ने फिर से शुरू किया। समाजवादी सरकार ने महिलाओं के लिए रानी लक्ष्मीबाई पुरस्कार शुरू किया। ये पुरस्कार महिला प्रधानों, बहादुरी और शिक्षा के क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन करने वाली महिलाओं को दिया जाता है। उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य है, जहां महिलाओं व बालिकाओं के लिए इस तरह का सम्मान शुरू किया गया है।

स्टडी ट्यूटोरियल से सुधरेगी प्राथमिक शिक्षा: मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री अखिलेश यादन ने कहा कि समाजवादी सरकार शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए काम कर रही है। इसमें तकनीक की मदद ली जाएगी। प्रदेश सरकार बेस्ट टीचर्स के माध्यम से स्टडी ट्यूटोरियल तैयार कराएगी, ताकि प्राथमिक शिक्षा की गुणवत्ता को और बेहतर बनाया जा सके। उन्होंने कहा कि संस्कृत के संरक्षण और प्रचार-प्रसार के लिए आए सुझावों पर राज्य सरकार काम करेगी। 

गोमती तट और जनेश्वर मिश्र पार्क से होंगे आकाश दर्शन कार्यक्रम

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री नारद राय ने कहा कि दुनिया को बेहतर ढंग से जानने-समझने के लिए विज्ञान आवश्यक है। इसलिए समाजवादी सरकार द्वारा विभिन्न जनपदों में साइंस पार्क का निर्माण कराया जा रहा है। जल्द ही लखनऊ के जनेश्वर मिश्र पार्क और गोमती रिवर फ्रंट पर आकाश दर्शन कार्यक्रम शुरू किया जाएगा। 

मुख्यमंत्री ने लॉन्च किया ‘हैलो यंग साइंटिस्ट साइंस ऐप’

शनिवार को मुख्यमंत्री ने विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद द्वारा तैयार किया गया ‘हैलो यंग साइन्टिस्ट साइंस एैप’ लान्च किया। एप में विज्ञान से जुड़े सावल होंगे जिनके उत्तर चार विकल्पों में होंगे, जिसमें से एक सही उत्तर होगा। ये एप खासतौर से क्लास 8 से 12 तक के विज्ञान के छात्र-छात्राओं को ध्यान में रख कर बनाया गया है। लेकिन सभी विषय के विद्यार्थी इसका इस्तेमाल कर इसका फायदा उठा सकते हैं। विजेता छात्रों को सम्मानित किया जाएगा।

इनका भी हुआ सम्मान

शाहजहांपुर के गन्ना अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिक डॉ. एके तिवारी, केजीएमयू के डॉ. मयंक सिंह, बीएचयू वाराणसी के डॉ सुधाकर श्रीवास्तव, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के डॉ तारिक आफताब और सीडीआरआई लखनऊ के डॉ वहाजुद्दीन को युवा वैज्ञानिक सम्मान से सम्मानित किया गया। विभिन्न कॉलेजों में पढ़ रहे अवनि गंगवार, आयुष्मान बाजपेयी, प्रांजुल मिश्र, सिद्धार्थ गुप्ता और सूर्यांक दीक्षित को बाल वैज्ञानिक सम्मान से नवाजा गया है। कॉलेज के शिक्षकों में आलोक गोयल, डॉ घनश्याम सिंह, संजय शर्मा, वीना मिश्रा और सुशील कुमार पाण्डेय को मुख्यमंत्री ने विज्ञान शिक्षक सम्मान से सम्मानित किया। केजीएमयू के डॉ जितेंद्र राव, लखनऊ के नव कुमार अवस्थी, रायबरेली के डॉ रमेश कुमार अवस्थी और मो. अबरार तथा गोंडा के राम सजीवन को नव अन्वेषक सम्मान दिया गया।

स्पीड ब्रेकर से बनाई बिजली को मिला सम्मान

इसके अलावा पांच उन लोगों को भी सम्मानित किया गया जिन्होंने अपने अविष्कार से सबको चौंका दिया। स्पीड ब्रेकर से बिजली बनाने के लिए सुल्तानपुर के आनंद कुमार पांडेय तो सुल्तानपुर के ही हसन रजां खान ने चालक रहित मेट्रो संचालन की तकनीक इजाद की है। फैजाबाद के वंश चतुर्वेदी ने घर में अवैध तरीके से घुसने को रोकने के लिए और आग लगने पर अलर्ट जारी करने का उपकरण बनाया है। बागपत के हामिद हुसैन ने हवा से चलने वाली कार बनाई है और देवरिया के रमेश कुमार मौर्य ने बायोफ्यूल से गाड़ियों को चलाने की तरकीब खोजी है। मुख्यमंत्री ने इन सभी को इनकी नई खोज के लिए सम्मानित किया।

सम्मान राशि पांच गुना हुई 

प्रदेश के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री नारद राय ने बताया कि प्रदेश सरकार ने विज्ञान गौरव सम्मान की धनराशि को 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया है। विज्ञान रत्न सम्मान की धनराशि 50 हजार रुपये से बढ़ाकर 2.5 लाख रुपये, युवा वैज्ञानिक सम्मान की धनराशि 25 हजार रुपये से एक लाख रुपये और बाल वैज्ञानिक सम्मान, विज्ञान शिक्षक सम्मान एवं नवअन्वेषक सम्मान (किसान मजदूर पुरस्कार) की धनराशि 10 हजार रुपये से बढ़ाकर 25 हजार रुपये किया गया है। इसी तरह अभिनव प्रदर्शन करने वाले व्यक्तियों के लिए 10-10 हजार रुपये की धनराशि के साथ सम्मान पत्र और स्मृति चिन्ह दिया किया गया। मुख्यमंत्री ने उच्च शिक्षा के शिक्षकों को सरस्वती और शिक्षक श्री सम्मान से सम्मानित किया। इनमें गोरखपुर विश्वविद्यालय के जंतु विज्ञान के प्रोफेसर अजय कुमार श्रीवास्तव और राजकीय महाविद्यालय पीलीभीत के भौतिक विज्ञान विभाग के डॉ राम प्रकाश यादव को सरस्वती सम्मान से नवाजा गया। शिक्षक श्री सम्मान पाने वालों में गोरखपुर विश्वविद्यालय के सांख्यिकी विभाग के हिंमाशु पाएडेय, लखनऊ विश्वविद्यालय के अंग्रेजी विभाग के डॉ रविन्द्र प्रताप सिंह और मायावती राजकीय महाविद्यालय गौतमबुद्धनगर के जंतु विज्ञान विभाग के डॉ दिनेश चंद्र शर्मा हैं। शिक्षकों को 2015 के लिए सम्मानित किया गया है।

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