लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव किसी भी सीट से उम्मीदवार नहीं होंगे। मुख्यमंत्री ने अपने विधानसभा चुनाव लड़ने की अटकलों का खारिज करते हुए कहा कि वह विधान परिषद के सदस्य हैँ और उनका कार्यकाल 2018 तक है।
शुक्रवार को ऐसी खबरें आईं थी कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव लखनऊ जिले की सरोजनीनगर सीट से विधानसभा का चुनाव लड़ सकते हैं लेकिन मुख्मयंत्री अखिलेश यादव ने इसका खंडन किया। अपने आवास 5 कालीदास मार्ग पर अपने समर्थकों के साथ बैठकर करते हुए अखिलेश यादव ने कहा, “उत्तर प्रदेश की सभी विधानसभा सीटों पर सपा-कांग्रेस उम्मीदवारों की जीत सुनिश्चित करने के लिए वह काम करेंगे।”
इसके पहले जब मुख्यमंत्री बुंदेलखंड के दौरे पर थे। माना जा रहा था कि वह यहां की बबीना या चरखारी सीट से चुनाव लड़ सकते हैं। माना जा रहा था कि इन दोनों सीटों पर पार्टी की स्थित का आंकलन करने के लिए एक रिपोर्ट भी तैयार कराई गई थी। जिससे वहां से बहुत अधिक उत्साहजनक परिणाम नहीं था जिसके बाद उन्होंने अपने कदम पीछे खींच लिए थे।
उत्तर प्रदेश में साल 2012 के चुनाव में भी अखिलेश यादव किसी भी विधानसभा सीट से चुनाव नहीं लड़े थे। मुख्यमंत्री बनने के बाद वह विधान परिषद के सदस्य बने थे। साल 2007 पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने वाली बसपा अध्यक्ष मायावती भी विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ी थीं। मुख्यमंत्री बनने के बाद वह विधान परिषद की सदस्य रहीं।