शाहजहांपुर। हम लोग लंच बॉक्स को पॉलीथीन में रखकर नहीं लाते हैं, अखबार में लपेट के लाते हैं। ऐसा कहना हैं, 12 वर्षीय सौरभ गुप्ता का।
शाहजहांपुर जिला मुख्यालय से आठ किलोमीटर दूर पूर्व दिशा में सदर बाजार स्थित रोटी गोदाम स्कूल के बच्चों ने स्वच्छता माह के कार्यक्रम के तहत यह शपथ ली थी कि साफ-सफाई के लिए खुद को और नगर के लोगों को जागरूक करेंगे। आठवीं कक्षा में पढ़ रहे राहुल वर्मा बताते हैं, ”अगर स्कूल में पॉलीथीन आ भी जाती है तो इंटरवल में साफ कर देते हैं और हर शनिवार को शहर में रैली भी निकालते है, जिससे हमारी तरह और लोग भी पॉलीथीन का इस्तेमाल न करे।”
जिला गाइड कैप्टन दंपिंदर कौर बताती हैं, ”पॉलीथीन कभी समाप्त नहीं होती है और धरती को बंजर बना देती है और नाले-नालियों को चोक भी कर देती है। इससे नालियों का पानी इधर-उधर बहता है, जिससे कीचड़ व गंदगी फैलती है। पॉलीथीन को जलाने पर हानिकारक गैसें निकलती हैं। इसीलिए हम बच्चों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करते हैं।” पर्यावरण प्रदूषण की चुनौती से अवगत कराते हुए दंपिंदर बताती हैं, ”पेड़ों की कटाई से धरती से हरियाली गायब हो रही है। इससे प्रदूषण की समस्या बढ़ती जा रही है। ऐसे में हमें पौधरोपण पर जोर देना चाहिए।”
पॉलीथीन के प्रयोग से पशुओं में होने वाले नुकसान के बारे में भावलखेड़ा ब्लॉक के पशुचिकित्सक डॉ. आदित्य गोयल बताते हैं, ”पॉलीथीन की पन्नियों में लोग कूड़ा भरकर फेंकते हैं और कूड़े के ढेर से जब पशु कुछ खाते तो उनके शरीर में पन्नी भी चली जाती है। ये उनके पेट में इकट्ठा होती जाती है, जिससे दूध उत्पादकता कम हो जाती है। अगर पशु के पेट में पॉलीथीन ज्यादा मात्रा में इकट्ठा हो जाए तो पशु की मौत भी हो जाती है। ग्रामीण क्षेत्रों की बजाए शहरी क्षेत्रों में यह समस्या ज्यादा होती है क्योंकि पॉलीथीन का प्रयोग शहरों में ज्यादा किया जाता है।”
कपड़ेके थैले का करें प्रयोग
लोगों को पॉलीथीन की जगह सामान लाने और रखने में कपड़े के थैले का प्रयोग करना होगा इसके साथ प्लास्टिक और पॉलीथीन का प्रयोग रोकने के लिए हमें लोगों को जागरूक करना होगा। तभी लोगों को इसके दुष्प्रभाव से बचाया जा सकता है।
अस्पताल में फैला रहे जागरूकता
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के पूर्व सचिव एवं वरिष्ठ सर्जन डॉ. विजय पाठक अस्पताल में आने वाले लोगों को पॉलीथीन का प्रयोग न करने के लिए जागरूक करते हैं। उत्तर प्रदेश में हजारों की तादाद में बेजुबान किसी न किसी रूप में पॉलीथीन खाकर मर जाते हैं। मनुष्य पॉलीथीन के संपर्क में आने वाले खाद्य पदार्थों का सेवन कर धीरे-धीरे गंभीर बीमारियों की चपेट में आता है। बेजुबान पशु कूड़े के ढेर में पड़ी पॉलीथीन पैक खाद्य पदार्थ सामग्रियों को खाकर मर रहे हैं। उन्होंने बताया कि पॉलीथीन का प्रयोग हमने पूरी तरह से बंद कर दिया है। हॉस्पिटल में पहुंचने वाले रोगी उनके तीमारदारों को भी पॉलीथीन से पनप रही दुश्वारियों के बारे में बता रहे हैं।