बाराबंकी। सरकार ने धान खरीदने के लिये जगह-जगह क्रय केंद्र खोल रखें है, जहां किसानों का धान समर्थन मूल्य पे खरीदा जाना है, जो की बाजार मूल्य से अधिक है परंतु वहां पर अव्यवस्था के चलते किसान अपना धान बिचौलियों को बेचने के लिये मजबूर है।
बाराबंकी से आठ किलोमीटर दूर हैदरगढ़ रोड पर एक सरकारी क्रय केंद्र मे लगभग 11 बजे सन्नाटा फैला है। यहां केंद्र पर केवल दो लोग बैठ है, तौलने के लिये कांटा लगा है परंतु किसान एक भी नहीं है। वहीं थोड़ी दूर इसी जगह पर कई प्राइवेट खऱीदारों के यहां लाइनें लगी हैं। हरख गाँव के धीरेंद्र सिंह (52 वर्ष) बताते हैं, ”यहां बहूत ही लूट-खसूट है, मैं अपना धान ले के गया था, उन्होंने कहा की इसमे नमीं बहुत है इसको तीन-चार दिन धूप मे सुखा के लाव इसके बाद मे तौलेंगे।”
इसी गाँव के मास्टर बेचू लाल कहते है, ”फिल्टर के नाम पे पंखा इतनी तेज चलाते है की 15-20 प्रतिसत धान उड़ा देते हैं उसको कहां ले जायें।”
बताते चले जहां सरकारी खरीद केंद्र पर धान का न्यूनतम मूल्य 14.10 रुपए है वहीं बिचौलिए लगभग 11 रुपए मे लेते हैं, जहां लगभग तीन रुपए प्रति किलोग्राम का बड़ा अंतर है।”
ग्राम बंद्गीपुर के हरिश्चन्द्र (36 वर्ष) बताते है, ”यहां धान तौलाना बड़ी मेहनत का काम है, यहां कई दिन बाद नम्बर आता है उसके बाद नमी और फरहा के नाम पर बहुत धान काट लेते हैं, जबकी वही धान प्राइवेट मे सब तौल जाता है।” वहीं केंद्र पर बैठा कर्मचारी बताता है, ”मैं तो डेलीवेज पे हूं, यहां के प्रभारी रोहित वर्मा है वो नहीं आये हैं, कोई आयेगा तो मैं धान तौल लूंगा। पूंछने पर वो बताते है, ”17 प्रतिसत से कम नमी वाला फिल्टर धान चहिए, एक दिन में दो या तीन लोगों को बुलाते हैं, ये केंद्र एक नवम्बर को शुरू हुआ था और अभी तक 48 कुंतल की खरीदारी हुई है।” सोचने की बात ये है की कहीं बिचौलिए किसान का धान 11 रुपए मे लेकर 14.10 मे सरकारी केंद्र पे तो नहीं बेंच रहें?
रिपोर्टर – रवींद्र वर्मा