कानपुर में कोल्ड स्टोरेज बिल्डिंग गिरी, पांच मजदूर की मौत, दस घायल

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राजीव शुक्ला, स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

कानपुर। शहर के ग्रामीण क्षेत्र शिवराजपुर में एक कोल्ड स्टोरेज में अमोनिया गैस रिसाव के बाद तेज धमाका हुआ जिससे पांच मजदूर की मौत हो गयी तथा कम से कम 10 लोग घायल हो गये तथा एक मजदूर गंभीर रूप से घायल है।

मुख्य चिकित्साधिकारी सीएमओ डा रामायण प्रसाद के मुताबिक शाम चार बजे से शाम छह बजे के बीच कोल्ड स्टोरेज के मलबे से पांच मजदूरों को निकाला गया है और इन सभी को मेडिकल कालेज ले जाया गया जहां डाक्टरों ने इन की जांच की तो वह मृृत पाया गया। कानपुर के डीएम कौशल राज शर्मा ने कोल्ड स्टोरेज के लाइसेंस की जांच के आदेश दिये हैं। कोल्ड स्टोरेज के आसपास के इलाकों में अमोनिया गैस इस बुरी तरह से फैली है कि प्रशासन ने राहत एवं बचाव कार्य में लगे लोगों के पहनने के लिये भारी संख्या में मास्क मंगाये हैं।

एडीएम सिटी केपी सिंह ने बताया कि शहर से करीब 40 किलोमीटर दूर ग्रामीण क्षेत्र शिवराजपुर के कटियार कोल्ड स्टोरेज में दोपहर करीब साढे़ बारह बजे गैस का रिसाव शुरू हो गया। उसके बाद कोल्ड स्टोरेज में तेज धमाका हुआ और उसके बाद कोल्ड स्टोरेज की छत गिर गई, जिस समय कोल्ड स्टोरेज की छत गिरी उस समय कोल्ड स्टोरेज में करीब दो दर्जन से अधिक मजदूर दोपहर का खाना खा रहे रहे थे। यह जानकारी कोल्ड स्टोरेज के अंदर से निकले मजदूरों ने दी। धमाके के साथ कोल्ड स्टोरेज की छत इतनी तेज आवाज में गिरी कि सड़क के दूसरी तरफ कानपुर रेलवे पटरी पर खड़ी एक पैसेंजर ट्रेन के यात्री ट्रेन में धमाका समझकर ट्रेन से नीचे उतर गये। धमाका होते ही आसपास इतनी तेजी से गैस फैली कि लोगों में अफरातफरी मच गयी और लोग बाहर निकल आये।

अब तक सात लोगों को निकालकर अस्पताल भेजा गया है। मौके पर आसपास के सैकड़ों ग्रामीण और जिला प्रशासन की तरफ से राहत और बचाव कार्य जारी है।

मलबे से निकालकर घायलों को अस्पताल ले जाते लोग।

आलू रखने के दौरान शुरू हुआ था गैस रिवास

कानपुर में शहर से दूर शिवराजपुर में दोपहर करीब साढ़े 12 बजे गैस का रिसाव शुरु, इसके बाद तेज धमाके के साथ कोल्ड स्टोरेज की बिल्डिंग का एक बड़ा हिस्सा गिर गया। मलबे को हटाने के लिए राहत और बचाव कार्य जारी है। डीएम और एसपी मौके पर पहुंचे हैं। घायलों की संख्या बढ़ने की आशंका को देखते हुए मेडिकल कॉलेज के अलर्ट पर रखा गया है। गैस के रिसाव के बाद आसपास के लोग भी अपने घरों से निकल आए और घटनास्थल पर हडकंप की स्थिति है।

अमोनिया का रिसाव जान पर पड़ सकता है भारी

आमोनिया के बहुत ज्यादा रिसाव होने से लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो सकती है, और बहुत ज्यादा रिसाव पर जान भी जा सकती है। कानपुर में रामा मेडिकल यूनिवर्सिटी के डॉ. अशोक कुमार ने बताया कि ज्यादा आमोनिया के रिसाव से सांस लेने के दिक्कत हो सकती है। कोशिश करनी चाहिए कि बिल्डिंग में जल्द से जल्द आक्सीजन का प्रबंध कराया जाए। अगर बिल्डिंग गिरी है तो टूटे हिस्सों से या बिल्डिंग में छेदकर बड़े सिलेंडर में पाइप लगाकर आक्सीजन पहुंचाई जाए।

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