लखनऊ। अब सात प्रतिशत तक डैमेज (टूटे धान) धान को क्रय केंद्र स्वीकार करेंगे। धान खरीद में डैमेज को लेकर खींचतान पर अब विराम लग गया है। केंद्र सरकार ने धान डैमेज पर सात फीसदी तक खरीदे जाने पर हरी झंडी दे दी है।
इसके अलावा भारतीय खाद्य निगम भी चावल में अब चार प्रतिशत तक डैमेज स्वीकार करेगा। केंद्र सरकार के इस फैसले ने जिम्मेदारों को उत्साहित कर दिया है। अब तक जैसे-तैसे चल रहे धान खरीद को गति मिलने की उम्मीद जाग गई है।
धान खरीद को लेकर इस बार फिर एफसीआई ने डैमेज का रोड़ा अटका दिया था। वह पुराने मानक तीन फीसद पर ही चावल उतार करा रहा था, जिससे राइस मिलर व आढ़ती दोनो के अलावा सरकारी क्रय केंद्रों पर धान खरीद की रफ्तार ठहर गई थी। किसानों के सामने धान को लेकर संकट खड़ा हो गया था। किसान औने-पौने में धान बेचने लगे थे। इसे लेकर खाद्य विभाग ने माह भर पूर्व डैमेज बढ़ाए जाने का प्रस्ताव करते हुए केंद्रीय लैब को जांच के लिए धान व चावल का नमूना भेजा था। करीब एक माह भर तक चले खींचतान के बाद 17 दिसंबर को केंद्रीय लैब की जांच के आधार पर भारत सरकार ने धान फसल पर मौसम का प्रभाव मानते हुए पांच फीसद डैमेज के मानक को सात प्रतिशत कर दिया। यानी अब सात प्रतिशत तक डैमेज धान को क्रय केंद्र स्वीकार करेंगे। धान में बढ़े डैमेज मानक को किसान वहन करेंगे। इधर धान व चावल में डैमेज के मानक में संशोधन के बाद खाद्य एवं रसद विभाग सहित अन्य क्रय एजेंसियों के अलावा आढ़ती व राइस मिलर उत्साहित हैं। इनका मानना है कि अब खरीद की गति बढ़ेगी और तेजी से चावल उतार भी होगा।
बस्ती ज़िले के संभागीय खाद्य नियंत्रक रवि कुमार ने बताया, “धान में सात प्रतिशत तक डैमेज स्वीकार किया जाएगा। जो दो प्रतिशत डैमेज बढ़ा है उसे किसान वहन करेंगे। इससे खरीद को लेकर खड़ा संकट दूर हो जाएगा। अधिकतर धान में सात प्रतिशत तक ही डैमेज आ रहा था। इसी के चलते चावल उतारने में एफसीआई अड़चन खड़ी करता है। जिससे खरीद की गति धीमी हो गई थी। अब खरीद और उतार दोनों तेज हो लाएगा। प्रयास है कि लक्ष्य पूरा हो।