गन्ना किसानों को
तत्काल राहत पहुचाने के उद्देश्य से उत्तर प्रदेश सरकार ने चीनी मिलों को 2800 रुपये
की आर्थिक सहायता दी है।
राज्य सरकार ने गन्ना किसानों के वर्ष 2014-15 के बकाया गन्ना मूल्य भुगतान के लिए2800 करोड़ रुपए की अतिरिक्त सहायता चीनी मिलों के लिए जारी की है, जिसमें से किसानों के खाते में सीधे 2000 करोड़ रुपए
जमा कराए गए हैं।
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि गन्ना किसानों के हितों की अनदेखी किसी भी दशा में
बर्दाश्त नहीं की जाएगी। गन्ना किसानों के बकाए भुगतान को लेकर राज्य सरकार गम्भीर है।साथ उन्होंने गन्ना पेराई सत्र 2015-16 के सम्बन्ध में की जा रही व्यवस्थाओं की समीक्षा की व प्रदेश की सभी चीनी मिलों में पेराई शीघ्र शुरू कराए जाने के
निर्देश दिए हैं।
चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास के प्रमुख सचिव राहुल भटनागर ने बताया कि अतिरिक्त सहायता के फलस्वरूप प्रदेश के गन्ना किसानों को 23 सहकारी चीनी
मिलों ने शत-प्रतिशत, निगम क्षेत्र की एक चीनी मिल ने भी शत-प्रतिशत तथा निजी
क्षेत्र की 94 चीनी मिलों ने 85.07 प्रतिशत भुगतान कर दिया है। इस प्रकार कुल बकाया20,644.45 करोड़ रुपए में से अब तक17,889.11 करोड़ रुपए का भुगतान गन्ना किसानों को कराया जा चुका है।
चीनी मिलों द्वारा
गन्ना पेराई शुरू किए जाने पर प्रमुख सचिवने कहा कि वर्तमान पेराई सत्र 2015-16 में अब तक 21 चीनी मिलों ने गन्ना पेराई शुरू कर दीहै। पिछले वर्ष इस अवधि तक मात्र 13 चीनी मिलों ने ही पेराई शुरू की थी।
निजी क्षेत्र की कई चीनी मिलों नेपेराई सत्र 2015-16 में मिल संचालित न किए जाने की नोटिस दी थी, लेकिन राज्य सरकार ने किसानों के हित में इन चीनी मीलों से बात कर मुद्दा सुलझाया, जिसके बाद मिलें पेराई शुरू कर रही हैं।