गोंडा। राम कुमार यादव (45 वर्ष) ने बरसात शुरू होते ही अपने एक भैंस और दो गायों को गलघोंटू का टीका लगवा दिया है, जिससे उनके पशु बीमारी से बचे रहें। गोंडा के पशु चिकित्साधिकारी डॉ. सुरेन्द्र सिंह बताते हैं, ”करीब एक लाख पशुओं का टीकाकरण हो चुका है।”
गोंडा से लगभग 15 किमी दूर माधवपुर गाँव के रहने वाले रामकुमार बताते हैं, ”बरसात शुरू होते ही मैंने पशु अस्पताल में फोन करके डॉक्टर को बुला लिया और पशुओं को टीका लगवा दिया। उसके लिये मुझे 50 रुपए देने पड़े बस। पिछली बार मेरी एक भैंस को गलघोंटू हो गया था और वो मर गई तब से मैं बहुत ध्यान रखता हूं।”
गोंडा के पशु चिकित्साधिकारी डॉ. सुरेन्द्र सिंह बताते हैं, ”हर वर्ष मानसून आते ही टीकाकरण अभियान चलाया जाता है, जिसमें हमारी टीम गाँव-गाँव जाकर पशुओं को निशुल्क टीका लगाती है। इस बार भी 25 टीम बनाई गई हैं और अभियान शुरू हो चुका है।” पशु विभाग के अनुसार जि़ले में 1 लाख 19 हजार 464 गौवंश और 2 लाख 26 हजार 917 महिष्वंश हैं। पशु चिकित्सक डॉ. लक्ष्मीकान्त उपाध्याय बताते हैं, ”इस वर्ष विभाग को लगभग 3.5 लाख वैक्सीन मिली है।”
2007 की जनगणना के अनुसार गोंडा जि़ले में 25 पशु चिकित्सालय और 28 पशु केंद्र हैं। पशुपालक अपने नजदीकी पशु केंद्र पर जाकर या नि:शुल्क टीकाकरण करा सकते हैं।
क्या है गलघोंटू
डॉ. लक्ष्मीकान्त उपाध्याय बताते हैं, ”यह रोग अधिकतर बरसात के मौसम में गाय व भैंसों में फैलता है। भैंसों में अधिक होता है। इस रोग के मुख्य लक्षण पशु को तेज बुखार होना, गले में सूजन, सांस लेना तथा सांस लेते समय तेज आवाज़ होना आदि है। पशु के उपचार के लिए एन्टीबायोटिक व एन्टीबैक्टीरियल टीके लगाए जाता है।”