एटा। अफसरों ने बिटिया के हाथों में मेहंदी न रचने दी। सरकार जहां बिटिया के हाथ पीले करने को खासी पहल कर रही है, लेकिन जिम्मेदार अधिकारी सरकार की छवि को खराब करने में जुटे हैं। आलम यह है कि ज़िले में शादी अनुदान योजना की हालात बेहद खराब है।
योजना के तहत जिले में 1051 आवेदन लंबित पड़े हैं। ऐसे में योजना को पलीता तो लग ही रहा है, साथ ही आवेदक सरकार को कोस रहे हैं। लेकिन शासन ने लापरवाहों पर शिकंजा कस दिया है। प्रमुख सचिव ने शादी अनुदान योजना के निस्तारण की रिपोर्ट पर कड़ी नाराजगी जताते हुए प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं। जिसमें योजना के जिम्मेदार अफसर एसडीएम और बीडीओ को ठीक से काम करने और 15 दिन में आवेदनों का निपटारा करने के निर्देश दिए हैं।
प्रदेश सरकार द्वारा शुरू की गई शादी अनुदान योजना का हाल पूरे प्रदेश में खराब ही है। पिछले दिनों शासन की ओर से योजना के तहत आए आवेदनों की रिपोर्ट खंगाली गई तो चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए।
आंकड़ों पर गौर करें तो प्रदेशभर में शादी अनुदान योजना में 132934 आवेदन आए, जिनमें से शहरी क्षेत्र में एसडीएम स्तर पर महज 663 आवेदन सही पाए गए और 452 आवेदन निरस्त कर दिए गए, जबकि 11012 आवेदन लंबित पड़े हैं। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में 1887 आवेदन बीडीओ स्तर पर स्वीकृत हुए हैं, साथ ही 118711 आवेदन लंबित हैं। वहीं जिले की बात करें तो जिले में कुल 1057 आवेदन आए हैं, जिनमें शहरी क्षेत्र में एसडीएम स्तर पर एक आवेदन पर गौर फरमाया गया।
वहीं ग्रामीण क्षेत्र में बीडीओ स्तर पर महज छह आवेदन स्वीकृत किए गए और 15 निरस्त हो गए। जबकि 914 आवेदन अब तक लंबित पड़े हैं। इनमें बहुत से आवेदन तो 60 दिनों से ज्यादा अवधि के हैं। ऐसे में अधिकारियों के स्तर पर बरती जा रही लापरवाही बेटियों के विवाह में बाधा बन रही है। वहीं लंबित आवेदनों की बड़ी संख्या देख शासन का मानना है कि जिलों में योजना का सही क्रियान्वयन नहीं हो रहा है। ऐसे में शासन ने जिलाधिकारी को निर्देश भेजकर 15 दिनों में आवेदनों का निस्तारण करने को कहा है। निस्तारण न होने पर अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं।